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    रुपये तेरे प्यार में सरकार ने क्या-क्या न किया, लेकिन..

    By Edited By:
    Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

    रुपये ने एशिया में सबसे ज्यादा खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा का खिताब अपने नाम कर लिया है। मई से अब तक रुपया 13 फीसद तक कमजोर हो चुका है। ऐसा नहीं की ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। रुपये ने एशिया में सबसे ज्यादा खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा का खिताब अपने नाम कर लिया है। मई से अब तक रुपया 13 फीसद तक कमजोर हो चुका है। ऐसा नहीं की सरकार और केंद्रीय बैंक आरबीआई ने रुपये की गिरावट को थामने के लिए कुछ नहीं किया।

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    पढ़ें: लंबा चल सकता है गिरावट का दौर

    लेकिन इन कदमों के बावजूद रुपया और तेजी के साथ लुढ़कता जा रहा है। हम यहां आपको बताना चाहते हैं कि वित्त मंत्री और आरबीआई की ओर से रुपये का सम्मान लौटाने के लिए क्या-क्या जतन किये गए।

    - सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम अ‌र्द्ध सॉवरेन बॉन्ड ला सकेंगे। जिसके जरिए आईआरएफसी, पीएफसी और आईआईएफसीएल चार अरब डॉलर की पूंजी जुटाएंगे।

    - चिदंबरम ने सरकारी तेल कंपनियों के लिए विदेशों से पूंजी जुटाने के लिए विदेशी वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) के नियमों में ढील की।

    - सॉवरेन बांड के जरिए विदेशी निवेशक इन कंपनियों में डॉलर के रूप में निवेश कर सकेंगे। ऐसे में उम्मीद थी कि डॉलर का प्रवाह बढ़ेगा।

    - बैंकों को विदेशी पूंजी आकर्षित करने के लिए एनआरई खातों पर एसएलआर और सीआरआर की बाध्यता भी खत्म कर दी है। साथ ही फॉरेन करेंसी नॉन रेजिडेंट (एफसीएनआर) बैंक खातों को भी डी-रेगुलेट कर दिया है।

    - सोने पर और दो फीसदी आयात शुल्क बढ़ाया गया। चालू वित्त वर्ष में सरकार सोने के आयात को 850 टन तक सीमित करना चाहती है। इससे आयात बिल में कमी आएगी और रुपये को सहारा मिलेगा।

    - देसी कंपनियों को विदेशों से 11 अरब डॉलर जुटाने के और मौके दिए जाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा विदेशी मुद्रा देश में लाई जा सके। ये उपाय रुपये की गिरावट को थामने और चालू खाते के घाटे को कम करने में मददगार साबित होंगे।

    - सरकारी तेल कंपनियों को चार अरब डॉलर का विदेशी कर्ज (ईसीबी) लेने की इजाजत दी जाएगी। इसके अलावा, इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को कर्ज देने वाली देसी कंपनियों (पीएफसी, आइआरएफसी आदि) को विदेशों में बॉन्ड जारी कर चार अरब डॉलर जुटाने की इजाजत दी जाएगी।

    प्रमुख बातें :

    - इस साल वित्त मंत्री को 75 अरब डॉलर जुटाने की उम्मीद।

    - एफडीआई के जरिए 27 अरब डॉलर आने की उम्मीद।

    - चालू वित्त वर्ष में चालू खाता घाटा जीडीपी का 3.7 फीसदी रहने का अनुमान।

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