वॉलमार्ट ने भारती से ब्रेकअप के लिए चुकाए 2022 करोड़
भारती एंटरप्राइजेज के साथ छह साल से चला आ रहा गठजोड़ पिछले वर्ष तोड़ने वाली अमेरिकी दिग्गज रिटेल कंपनी वॉलमार्ट ने इसके लिए लगभग 2,022 करोड़ रुपये (33.4 करोड़ डॉलर) चुकाए थे। वॉलमार्ट ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि करीब 1,416 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान किया और बराबर हिस्सेदारी वाले संयुक्त उपक्रम
नई दिल्ली। भारती एंटरप्राइजेज के साथ छह साल से चला आ रहा गठजोड़ पिछले वर्ष तोड़ने वाली अमेरिकी दिग्गज रिटेल कंपनी वॉलमार्ट ने इसके लिए लगभग 2,022 करोड़ रुपये (33.4 करोड़ डॉलर) चुकाए थे।
वॉलमार्ट ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि करीब 1,416 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान किया और बराबर हिस्सेदारी वाले संयुक्त उपक्रम में भारती की हिस्सेदारी खरीदने पर करीब 605 करोड़ रुपये खर्च किए थे। अक्टूबर, 2013 अमेरिकी कंपनी ने छह साल पुराना गठजोड़ तोड़ने का फैसला किया था। अब वह भारत में कैश एंड कैरी कारोबार को अकेले चला रही है।
वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया कि समझौते की शर्तो के मुताबिक, हमने कर्ज का भुगतान भी किया। इसके चलते वॉलमार्ट को करीब 915 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। इस महीने की शुरुआत में ही कंपनी ने घोषणा की थी कि वह थोक कारोबार पर ध्यान देगी। इसके तहत पांच साल के अंदर 50 ऐसे नए स्टोर खोले जाएंगे। भारत समेत कई विदेशी इकाईयों में भ्रष्ट तौर-तरीके अपनाने को लेकर कंपनी के खिलाफ जांच चल रही है। कंपनी भी इसकी आंतरिक जांच कर रही है।
कंपनी ने बताया कि ब्राजील, चीन और भारत समेत कई देशों में हम ऐसे आरोपों की जांच कर रहे हैं। वॉलमार्ट पर आरोप है कि उसने भारती की सब्सिडियरी सेडार सपोर्ट सर्विसेज में 10 करोड़ डॉलर का निवेश किया। सेडार ईजीडे नाम से रिटेल स्टोर चलाती है। वॉलमार्ट पर आरोप है कि यह निवेश रिटेल सेक्टर को एफडीआइ के लिए खोले जाने से पहले ही किया गया। हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय की जांच में एफडीआइ दिशानिर्देश का उल्लंघन नहीं पाया गया था।