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..तो क्या इसलिए हुआ भारती-वॉलमार्ट का 'ब्रेकअप'?

एक दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल स्टोर्स चेन वॉलमार्ट और दूसरी अरबपति सुनील मित्तल की दिग्गज कंपनी भारती इंटरप्राइजेज। इन दोनों दिग्गजों ने छह साल पहले भारत में मिलजुल कर रिटेल स्टोर्स कारोबार में कदम रखा था। ये दोस्ती लंबी नहीं खींच पाई। दोनों एक दूसरे से जुदा हो गए। लेकिन ऐसा हुआ क्यों? दो दिग्गज अगर एक स

By Edited By: Published: Wed, 09 Oct 2013 02:32 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

नई दिल्ली। एक दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल स्टोर्स चेन वॉलमार्ट और दूसरी अरबपति सुनील मित्तल की दिग्गज कंपनी भारती इंटरप्राइजेज। इन दोनों दिग्गजों ने छह साल पहले भारत में मिलजुल कर रिटेल स्टोर्स कारोबार में कदम रखा था। ये दोस्ती लंबी नहीं खींच पाई। दोनों एक दूसरे से जुदा हो गए। लेकिन ऐसा हुआ क्यों? दो दिग्गज अगर एक साथ रहते तो शायद भारत में सबसे बड़े रिटेलर बन सकते थे। आइये उन कारणों पर एक नजर डालते हैं जिनकी वजह से भारती-वॉलमार्ट का तलाक हुआ।

पढ़ें : मेक्सिको में स्टोर खोलने के लिए वॉलमार्ट ने दी थी घूस

घूस मामले में वॉलमार्ट का नाम हुआ बदनाम : भारत में रिटेल स्टोर खोलने को लेकर वॉलमार्ट द्वारा लॉबिंग करने और घूस देने के आरोपों को लेकर राजनीतिक हल्के में हंगामा मचा हुआ है, एक अमेरिकी अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि की थी कि वॉलमार्ट ने मेक्सिको में स्टोर खोलने के लिए रिश्वत दी थी।

पढ़ें : वॉलमार्ट के खुलासे पर संसद में हंगामा

वॉलमार्ट ने वहां स्टोर खोलने की अनुमति प्राप्त करने के लिए एक अधिकारी को 52 हजार डॉलर की रिश्वत दी। टाइम्स के हाथ लगे गोपनीय दस्तावेजों के अनुसार वॉलमार्ट डी मेक्सिको ने मेक्सिको में 19 जगह स्टोर खोलने के लिए रिश्वत की पेशकश थी। रिपोर्ट के अनुसार वॉलमार्ट ने स्टोर खोलने के लिए 8 बार में कुल 3 लाख 41 हजार डालर की रिश्वत दी थी। इसके अलावा इससे जुड़े अन्य 9 मामलों में उसने 7 लाख 65 हजार डालर की रिश्वत दी थी।

एफडीआइ के पचड़े ने किया परेशान : मल्टीब्रांड एफडीआई के सख्त नियम से वॉलमार्ट परेशान था। सख्त नियमों के कारण वॉलमार्ट भारत में रिटेल स्टोर खोलने के लिए तैयार नहीं है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद वॉलमार्ट फैसला लेने के पक्ष में है।

पढ़ें : एफडीआइ के लिए लॉबिंग पर वॉलमार्ट ने खर्चे 125 करोड़

रिटेल को लेकर राजनीति : भारत में मल्टीब्रांड रिटेल को लेकर जारी राजनीति ने भी वॉलमार्ट का मन खराब कर दिया था। भाजपा की ओर से यशवंत सिन्हा ने कहा था कि हम वॉलमार्ट को देश में नहीं आने देंखे।

लागत ज्यादा, पैसा कम : भारत में रिटेल बिजनेस घाटे का सौदा बनता जा रहा है। लागत बढ़ती जा रही है और मार्जिन कम होता जा रहा है। साल 2011 के दौरान भारती वॉलमार्ट को 277 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। वहीं, इसके विपरित रिलायंस रिटेल को साल 2006 से लेकर 2013 तक नकद मुनाफे में रहा।

भारती के पास कैश की कमी : माना जा रहा है कि भारती इंटरप्राइजेज बड़े कर्ज के संकट में फंसती जा रही है। भारत की बड़ी मोबाइल ऑपरेटर होने के बावजूद कंपनी 12 अरब डॉलर के कर्ज जाल में फंसी हुई है। जुलाई तिमाही के दौरान कंपनी ने लगातार 14वीं बार मुनाफा कम होने की बात कही थी।


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