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    संकटग्रस्त स्पाइसजेट ने बढ़ाईं विमानन क्षेत्र की मुश्किलें

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Sat, 13 Dec 2014 12:06 AM (IST)

    सहारा व किंगफिशर के बाद स्पाइसजेट के वित्तीय संकट में फंसने से भारतीय नागरिक विमानन क्षेत्र सांसत में है। एयर इंडिया पहले ही सरकारी ऑक्सीजन पर जी रही ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। सहारा व किंगफिशर के बाद स्पाइसजेट के वित्तीय संकट में फंसने से भारतीय नागरिक विमानन क्षेत्र सांसत में है। एयर इंडिया पहले ही सरकारी ऑक्सीजन पर जी रही है, जबकि जेट एयरवेज की हालत भी कुछ ठीक नहीं है। एयर एशिया इंडिया अभी-अभी आई है, जबकि टाटा-सिया की उड़ानें शुरू नहीं हुई हैं। ऐसे में महज निजी क्षेत्र की इंडिगो व गो एयर के सहारे भारतीय एविएशन की नैया किस तरह पार लगेगी यह सवाल नई सरकार के लिए चुनौती बन कर खड़ा है। यात्रियों की भी मुसीबत बढ़ गई है, क्योंकि प्रतिस्पद्र्धा के अभाव में उन्हें महंगे टिकट खरीदने पड़ रहे हैं।

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    रियायती स्कीमों के बूते साल भर तक की एडवांस बुकिंग करने और फिर कम विमानों के कारण उड़ानें रद करने वाली स्पाइसजेट पर विमानन नियामक डीजीसीए की भृकुटियां चढ़ी हुई हैं। उसने पहले तो स्पाइसजेट को एडवांस बुकिंग की अवधि एक माह पर सीमित करने को कहा और जब बात नहीं बनी तो उसके 186 स्लॉट रद कर दिए। नतीजतन, स्पाइसजेट को दिसंबर की 1,861 उड़ानें रद करनी पड़ीं। अब इसके सीईओ संजीव कपूर डीजीसीए के चक्कर लगा रहे हैं। मगर डीजीसीए ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि स्पाइसजेट 15 दिसंबर तक किसी बड़े इक्विटी खरीदार का नाम पेश करने में विफल रहती है तो उसके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे। इनमें एयर ऑपरेशन परमिट रद करना शामिल है।

    कलानिधि मारन के सन समूह की एयरलाइन स्पाइसजेट पर फिलहाल विभिन्न एजेंसियों का 1,600 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें से 200 करोड़ रुपये अकेले हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआइ) ने साफ कर दिया है कि यदि बैंक गारंटी नहीं मिलती तो स्पाइसजेट से हर एयरपोर्ट पर नकद शुल्क वसूला जाएगा। एयरलाइन की हालत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके 15 फीसद कर्मचारियों को वक्त पर वेतन नहीं मिल रहा। कई पायलट और कू्र मेंबर नौकरी छोड़ चुके हैं।

    इससे हवाई यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जहां तीन महीने पहले तक एयरलाइनों में रियायती प्रमोशनल स्कीमों की होड़ लगी हुई थी, वहीं अब न केवल इनका अकाल है, बल्कि महीना भर एडवांस से लेकर करंट बुकिंग तक के किराये सामान्य से 10-15 फीसद ज्यादा हो गए हैं। ईज माय ट्रिप डॉट कॉम के अनुसार एयरलाइनें 30 दिसंबर के लिए दिल्ली-मुंबई का दोनों तरफ का किराया 11,000-13,000 रुपये वसूल रही हैं। पंद्रह दिसंबर के लिए यह किराया 14,000-27,000 रुपये ले रही हैं। यह तब है जब विमान ईंधन (एटीएफ) की कीमतें लगातार कम हो रही हैं।

    दूसरी एयरलाइंस में खिसक रहे स्पाइसजेट के पायलट

    स्पाइस जेट के पर कतरे

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