अकेले RBI गवर्नर नहीं छह सदस्यीय समिति तय करेगी ब्याज दर
वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपने प्रतिद्वंदियों से मुकाबले के लिए सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक की नीति निर्धारण के लिए बुधवार को राज्यसभा में एक बिल पास किया गया।
नई दिल्ली। वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपने प्रतिद्वंदियों से मुकाबले के लिए सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक की नीति निर्धारण के लिए बुधवार को राज्यसभा में एक बिल पास किया गया। इसके तहत ब्याज दरों को तय करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।
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लोकसभा में पिछले सप्ताह पास किए गए वित्त विधेयक का ये हिस्सा है। राज्यसभा में पास होने के बाद यह कानून के रुप में अस्तित्व में आ जाएगा।वर्तमान में आरबीआई से जुड़ी सभी मौद्रिक नीति बनाने का अधिकार पूर्ण रुप से गवर्नर रघुराम राजन के पास है और इनकी सहायता के लिए एक समिति होती है जिसके पास सिर्फ परामर्श देने का अधिकार होता है।
नए कानून के अनुसार बनाई गई मौद्रिक नीति परिषद में छह सदस्य होंगे। ये समिति ब्याज दरों को अंतिम रुप देगी। यदि सदस्यों में किसी मुद्दे को लेकर बराबरी की स्थिति आती है तो राजन के वोट से अंतिम निर्णय होगा।इस समिति में तीन सदस्य सरकारी पक्ष से होंगे और बाकी तीन आरबीआई के पक्ष से होंगे।