Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ब्याज दर तय करने में बढ़ेगी केंद्र की भूमिका

    By Gunateet OjhaEdited By:
    Updated: Tue, 10 May 2016 09:07 PM (IST)

    नई व्यवस्था के तहत छह लोगों की टीम में वोटिंग के आधार पर बें्क दर तय की जाएगी। अगर टाई हो जाता है तो आरबीआइ गर्वनर को दूसरा वोट या निर्णायक वोट देने का अधिकार होगा..

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ब्याज दर तय करने में केंद्र की भूमिका बढ़ने का रास्ता साफ हो गया है। आरबीआइ के लिए सालाना महंगाई का लक्ष्य तय करने और बैंकों के लिए बें्क ब्याज दर तय करने के लिए गठित होने वाली समिति मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में सरकारी प्रतिनिधियों की नियुक्ति बहुत जल्द ही हो जाएगी। सरकार की तरफ से आज बताया गया कि एमपीसी में केंद्र के तीन प्रतिनिधियों की नियुक्ति पर तेजी से काम हो रहा है। एमपीसी के गठन होने के बाद सालाना मौद्रिक नीति के तहत ब्याज दरों का फैसला करने का मौजूदा तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा। इसमें पहली बार सरकार की प्रत्यक्ष भूमिका होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आर्थिक मामलों के सचिव शशिकांत दास ने यहां बताया कि एमपीसी गठन के लिए जो कानून बना है उसमें आरबीआइ प्रतिनिधियों का पहले से ही उल्लेख किया गया है। मसलन, इसमें आरबीआइ गवर्नर, डिप्टी गवर्नर और अधिशासी निदेशक होंगे। तीन स्वतंत्र सदस्यों की नियुक्ति केंद्र की तरफ से की जाएगी। इसके लिए कैबिनेट सचिवालय के तहत एक उच्चाधिकार समिति का गठन किया गया है जो स्वतंत्र सदस्यों का चयन करेगी। जल्द ही सरकार की तरफ से तीन सदस्यों के नामों के चयन की प्रक्रिया शुरु की जाएगी। बताते चले कि वित्त विधेयक, 2016 के पारित होने के साथ ही एमपीसी के गठन को वैधानिक मान्यता भी मिल जाएगी।

    एमपीसी के गठन के साथ ही ब्याज दरों को तय करने का मौजूदा तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा। अभी आरबीआइ की तरफ से गठित एक पैनल अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए बें्क ब्याज दर तय करने की सिफारिश करता है। लेकिन आरबीआइ गवर्नर के पास यह सर्वाधिकार सुरक्षित है कि वह इसे स्वीकार करता है या खारिज करता है। लेकिन नई व्यवस्था के तहत छह लोगों की टीम में वोटिंग के आधार पर बें्क दर तय की जाएगी। अगर टाई हो जाता है तो आरबीआइ गर्वनर को दूसरा वोट या निर्णायक वोट देने का अधिकार होगा। यह समिति सरकार और आरबीआइ के बीच तय होने वाली सालाना महंगाई दर के लक्ष्य के मुताबिक बें्क दर तय करेगी। समिति का साल में चार बैठकें होंगी। लेकिन एक नई बात यह होगी कि बें्क दरों के बारे में सरकार की राय भी सुनी जाएगी। जरुरत पड़ने पर सरकार की तरफ से लिखित प्रस्ताव भेजा जा सकता है। लेकिन समिति इसे मानने के लिए बाध्य नहीं होगी।

    यह भी पढ़ेंः स्कर्ट पहनने पर स्कूल ने मुस्लिम लड़की को लौटाया

    यह भी पढ़ेंः दुबई में छाई मिलियन डॉलर गॉडजिला गोल्डन कार