कोल इंडिया में विनिवेश का विरोध
दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचे जाने के फैसले के एक दिन बाद गुरुवार को कंपनी से संबद्घ कुछ ट्रेड यूनियन ने कहा कि वे इस पहल का विरोध कर रही हैं। इसके खिलाफ ह़डताल तक किया जा सकता है।
नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचे जाने के फैसले के एक दिन बाद गुरुवार को कंपनी से संबद्घ कुछ ट्रेड यूनियन ने कहा कि वे इस पहल का विरोध कर रही हैं। इसके खिलाफ ह़डताल तक किया जा सकता है।
भारतीय मजदूर संघ ([बीएमएस)] के बैजनाथ राय ने कहा, 'हम सरकारी पहल का विरोध करते हैं। हम ह़डताल पर जा सकते हैं। हम पहले ही विरोध, प्रदर्शन और रैली आदि शुरू कर चुके हैं। राय ने कहा कि बीएमएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक अगले महीने की शुरु में भोपाल में होने वाली है। उसमें इस बात का निर्णय लिया जाएगा कि सरकार को कैसे जवाब दिया जाए। एचएमएस से संबद्घ हिंद खदान मजदूर फेडरेशन के अध्यक्ष एन. पांडे ने कहा कि वे सरकार के फैसले का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा, 'यह बर्दाश्त से बाहर है। सरकार को इस तरह के फैसले से पहले हमसे संपर्क करना चाहिए था।
मौजूदा बाजार भाव पर सार्वजनिक उपक्रम में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने से सरकारी को 24,000 करो़ड़ रुपये मिलेंगे। कोल इंडिया के शेयर की बिक्री शुक्रवार को होगी। सरकार ने बिक्री की पेशकश के तहत कोल इंडिया के शेयर की फ्लोर प्राइस 358 रुपए तय की है, जो शेयर की मौजूदा कीमत पर 5 प्रतिशत छूट दर्शाता है। इस तरह से सरकार को 22,600 करो़ड़ रुपए हाथ लगेंगे।