कोल इंडिया में विनिवेश से आएंगे 24,000 करोड़
सरकार ने बहुप्रतीक्षित बिग टिकट विनिवेश की शुरुआत कर दी है। इसी महीने की 30 तारीख को कोल इंडिया में पांच फीसद इक्विटी हिस्सेदारी की बिक्री ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिये होगी। पांच फीसद अतिरिक्त इक्विटी को बेचने का विकल्प रहेगा। कोल इंडिया (सीआइएल) के शेयर की मौजूदा कीमत
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकार ने बहुप्रतीक्षित बिग टिकट विनिवेश की शुरुआत कर दी है। इसी महीने की 30 तारीख को कोल इंडिया में पांच फीसद इक्विटी हिस्सेदारी की बिक्री ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिये होगी। पांच फीसद अतिरिक्त इक्विटी को बेचने का विकल्प रहेगा। कोल इंडिया (सीआइएल) के शेयर की मौजूदा कीमत के लिहाज से 10 फीसद इक्विटी के विनिवेश से सरकार को 24,000 करोड़ रुपये की राशि मिलने की उम्मीद है।
स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई सूचना के मुताबिक कोल इंडिया का इश्यू 30 जनवरी को खुलेगा। उसी दिन साढ़े तीन बजे बंद हो जाएगा। इश्यू का 20 फीसद हिस्सा खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित किया गया है। कंपनी के शेयर की आधार कीमत की घोषणा गुरुवार को शेयर बाजार में कारोबार बंद होने के बाद की जाएगी। बुधवार को कंपनी का शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 385 रुपये पर बंद हुआ।
सरकार सीआइएल में ओएफएस के जरिये पांच फीसद इक्विटी यानी 31.58 करोड़ शेयरों को बिक्री के लिए पेश करेगी। इसके अलावा उसके पास ग्रीन शू ऑप्शन के तौर पर अतिरिक्त पांच फीसद इक्विटी शेयरों की बिक्री का विकल्प भी उपलब्ध है। यह विकल्प तब अपनाया जाता है, जब बिक्री के लिए प्रस्तुत शेयरों की संख्या से अधिक के आवेदन प्राप्त होते हैं। अकेले कोल इंडिया के विनिवेश से केंद्र सरकार का आधा विनिवेश लक्ष्य हासिल हो जाएगा। चालू वित्त वर्ष 2014-15 के लिए सरकार ने 43,425 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा है।
खुदरा निवेशकों को लुभाने का मकसद
शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों को लौटाने के लिए सरकार सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश के जरिये आकर्षित कर रही है। सीआइएल में हो रहे विनिवेश के लिए सरकार ने न केवल 20 फीसद इक्विटी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित रखी है, बल्कि उन्हें मूल्य में भी पांच फीसद की छूट का प्रावधान भी रखा है। खुदरा निवेशक दो लाख रुपये तक के शेयर खरीद सकते हैं।
इसके बाद ओएनजीसी का नंबर
कोल इंडिया पहली बार 2010 में शेयर बाजार में उतरी थी। तब कंपनी ने 15,199 करोड़ रुपये जुटाए थे। सीआइएल के बाद सरकार का इरादा ओएनजीसी को शेयर बाजार में उतारने का है। इसमें विनिवेश से सरकार को कम से कम 15,000 करोड़ रुपये की राशि मिलने की उम्मीद है।