तीन अरब डॉलर के प्रोजेक्टों को एआइआइबी से फंडिंग की तैयारी
जेटली ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के लिए भारत के पास भारी मांग है। वह विभिन्न क्षेत्रों में एआइआइबी फंडिंग के लिए दो-तीन अरब डॉलर के प्रोजेक्टों का बास्केट तैयार कर रहा है।
बीजिंग (प्रेट्र)। भारत शहरी विकास और ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक (एआइआइबी) से फंडिंग के लिए दो-तीन अरब डॉलर की परियोजनाओं का बास्केट तैयार कर रहा है। उसने नई दिल्ली में चीन समर्थित बैंक के क्षेत्रीय ऑफिस को स्थापित करने की भी पेशकश की है।
पांच दिन की यात्रा पर चीन आए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एआइआइबी की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स सेशन को संबोधित करते हुए यह पेशकश की है। जेटली के संबोधन का ब्योरा भारतीय दूतावास की ओर से जारी किया गया।
इसके मुताबिक, 'इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के लिए भारत के पास भारी मांग है। वह विभिन्न क्षेत्रों में एआइआइबी फंडिंग के लिए दो-तीन अरब डॉलर के प्रोजेक्टों का बास्केट तैयार कर रहा है। इनमें शहरी विकास (स्मार्ट सिटीज सहित), ऊर्जा, शहरी परिवहन, रेलवे, जलमार्ग, और जल आपूर्ति शामिल हैं।'
अपने संबोधन में जेटली ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी में मुश्किल समय के दौरान बड़ी उम्मीदों के बीच एआइआइबी सामने आया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चुनौतियों के बावजूद भारत ने 2015-16 में 7.6 फीसद की ऊंची आर्थिक विकास दर हासिल की। यहां स्थित एआइआइबी का गठन 100 अरब डॉलर की अधिकृत पूंजी के साथ पिछले साल हुआ।
भारत और 56 अन्य देश इसके संस्थापक सदस्य हैं। चीन के बाद भारत इसमें दूसरा सबसे बड़ा हिस्सेदार है। लू जिवी से मिले जेटलीजेटली ने शनिवार को चीन में उनके समकक्ष लू जिवी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक आर्थिक स्थितियों को लेकर चर्चा की।
लू और जेटली 27 जून को प्रस्तावित मंत्री स्तरीय वार्षिक वार्ता में शिरकत करेंगे। एजीएम के इतर जेटली ने एआइआइबी के प्रेसीडेंट जिन लीकुन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। मीडिया से हुए मुखातिब इससे पहले जेटली ने सरकारी चैनल सीसीटीवी को दिए साक्षात्कार में कहा कि भारत में निवेश के असीमित अवसर हैं। उसके आर्थिक विकास की दर टिकाऊ है। वजह यह है कि अभी उसे काफी दूरी तय करनी है।
बुनियादी ढांचा, शहरीकरण, आवास, बिजली, जल और सामाजिक क्षेत्र सभी में निवेश की भरपूर संभावनाएं हैं। सूखे के बावजूद अच्छी रफ्तारजेटली बोले कि वर्तमान में पब्लिक फाइनेंस निवेश के मामले में नेतृत्व कर रहे हैं। उन्हें भरोसा है कि कुछ समय में जब अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी, तो निजी क्षेत्र भी इसे गति देगा।
दूसरी बात यह है कि दो साल सामान्य से कम मानसून के बावजूद भारत की आर्थिक विकास दर अच्छी रही है। देश की आर्थिक वृद्धि में मानसून की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस साल मानसून के बेहतर रहने की उम्मीद है।मानसून अच्छा रहा तो बढे़गी ग्रोथ जेटली ने कहा कि अगर देश में मानसून अच्छा रहता है तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मदद मिलती है। लोगों की क्रयशक्ति बढ़ती है। कुल मिलाकर इससे अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
पिछले साल आर्थिक वृद्धि दर 7.6 फीसद रही। निश्चित रूप से इसे बनाए रखा जाएगा। अच्छे मानसून के साथ उम्मीद है कि यह और बेहतर होगी। पिछले साल भारत की आर्थिक वृद्धि चीन की 6.9 फीसद से अधिक रही।ग्लोबल आर्थिक सुस्ती पर चिंता जेटली ने ग्लोबल आर्थिक सुस्ती पर चिंता जताई।
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ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर और इकोनॉमिक ग्रोथ के मुद्दे पर वह रविवार को होने वाले सेमिनार में अपना पक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा, 'भारत जैसी बड़ी आबादी वाली अर्थव्यवस्था में रोजगार वृद्धि बेहद महत्वपूर्ण है।