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मुद्रा बैंक लॉन्‍च, स्वरोजगार के लिए मिलेगा सस्ता कर्ज

खेती की तरह अब स्वरोजगार के लिए भी सस्ता लोन मिलेगा। सरकार ने इसके लिए मुद्रा बैंक की शुरुआत की है। यह बैंक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत युवाओं को स्वरोजगार के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन कम ब्याज दर पर मुहैया कराएगा। खास बात यह है कि

By Vivek PandeyEdited By: Published: Wed, 08 Apr 2015 08:03 AM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2015 02:12 AM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। खेती की तरह अब स्वरोजगार के लिए भी सस्ता लोन मिलेगा। सरकार ने इसके लिए मुद्रा बैंक की शुरुआत की है। यह बैंक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत युवाओं को स्वरोजगार के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन कम ब्याज दर पर मुहैया कराएगा। खास बात यह है कि कर्ज लेने वालों को एक मुद्रा कार्ड भी मिलेगा, जिसे वे जरूरत पड़ने पर क्रेडिट कार्ड की तरह इस्तेमाल कर सकेंगे। इस कार्ड के जरिये अचानक जरूरत पड़ने पर दस हजार रुपये तक निकाले जा सकेंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यहां 20,000 करोड़ रुपये की राशि वाली प्रधानमंत्री मुद्रा योजना लांच की। सरकार का दावा है कि इस योजना से 5.77 करोड़ सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) उद्योगों को फायदा मिलेगा। इस योजना के तहत सिलाई, हेयर कटिंग, फल सब्जियों और परचून की दुकान या अन्य किसी प्रकार की एमएसएमई यूनिटें शुरू करने और मौजूदा इकाइयों के विस्तार के लिए सस्ती दर पर कर्ज मिलेगा।

दूसरों को भी दे रहे रोजगार

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि बेहद छोटे कारोबारियों के रूप में इन लोगों ने न सिर्फ खुद रोजगार हासिल किया है, बल्कि वे दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। इन सभी एमएसएमई इकाइयों की कुल पूंजी 11 लाख करोड़ रुपये है, जबकि इनसे 12 करोड़ लोगों को रोजगार मिल रहा है। जिन बड़े-बड़े उद्योगों की इतनी चर्चा होती है, उन्होंने मात्र सवा करोड़ लोगों को ही रोजगार दिया है।

ऐतिहासिक शुरुआत: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मुद्रा बैंक की शुरुआत को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इससे उन लोगों को कर्ज मिलेगा जिन्हें अभी तक मिल ही नहीं पाता था। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 'शिशु', 'किशोर' और 'तरुण' स्कीमों के माध्यम से 10 लाख रुपये तक का लोन जरूरतमंद लोगों को मिलेगा।

वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि सरकार का मकसद न सिर्फ युवाओं को रोजगार दिलाना है, बल्कि उन्हें इस लायक बनाना है जिससे कि वे दूसरों को भी रोजगार दे सकें। इस मौके पर रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन भी मौजूद रहे।

जेटली ने आम बजट में मुद्रा बैंक की घोषणा की थी। इसके लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। साथ ही तीन हजार करोड़ रुपये क्रेडिट गारंटी के तौर पर आवंटित किए गए।

पुनर्वित्त की दर होगी सात फीसद

कार्यक्रम के बाद बैंकिंग सचिव हसमुख अडि़या ने संवाददाताओं से कहा कि मुद्रा बैंक दूसरी बैंकिंग व वित्तीय एजेंसियों को सात फीसद की दर पर पुनर्वित्त यानी रिफाइनेंस उपलब्ध कराएगा। मुद्रा बैंक को रिजर्व बैंक ने फिलहाल गैर बैंकिग वित्तीय कंपनी यानी एनबीएफसी का दर्जा दिया है। इसे एक साल के भीतर ही संसद से बिल पारित कराकर बैंक का दर्जा दे दिया जाएगा।

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मुद्रा योजना से उत्तर प्रदेश पर नजर

सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना भले ही स्वरोजगार शुरू करने के लिए कर्ज मुहैया कराने को लेकर चालू की हो, लेकिन केंद्र ने इस कदम के जरिये राजनीतिक संदेश भी दिया है। इस योजना की शुरुआत जिन पांच लाभार्थियों को चेक भेंट करके की गई वे सभी उत्तर प्रदेश के थे। खास बात यह है कि उनमें एक अल्पसंख्यक, दो महिलाएं और पिछड़े वर्ग के सदस्य थे।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे सस्ते कर्ज की इस योजना से गरीबों, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदायों का भला होगा। मोदी ने कहा कि गरीबों को 50 से साठ प्रतिशत ब्याज दर पर लोन मिलता है। हर गांव में दो-चार मुसलमान बच्चे ऐसे होंगे, जिनको परंपरागत कौशल प्राप्त है। ऐसे लोगों की हम मदद करें।

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