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सेंसेक्स में 600 अंकों की गिरावट, रुपया भी फिसला

सोमवार की तेजी के बाद आज शेयर बाजार में सुस्ती का रूख देखने को मिल रहा है। कारोबार शुरू होने के आधे घंटे बाद शेयरों में तेज गिरावट होने लगी। सेंसेक्स अब तक 600 अंक तक गिर चुका है। फिलहाल बीएसई सेंसेक्स 600 अंक नीचे चल रहा है जो कि

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Wed, 06 May 2015 09:34 AM (IST)Updated: Wed, 06 May 2015 03:18 PM (IST)
सेंसेक्स में 600 अंकों की गिरावट, रुपया भी फिसला

मुंबई। सोमवार की तेजी के बाद आज शेयर बाजार में सुस्ती का रूख देखने को मिल रहा है। कारोबार शुरू होने के आधे घंटे बाद शेयरों में तेज गिरावट होने लगी। सेंसेक्स अब तक 600 अंक तक गिर चुका है। फिलहाल बीएसई सेंसेक्स 600 अंक नीचे चल रहा है जो कि 2.21 फीसदी की गिरावट के साथ 26,827 पर कारोबार कर रहा है। वहीं, निफ्टी भी 195 अंक नीचे आ चुका है जो कि 2.42 फीसदी की गिरावट के साथ 8123 अंकों पर कारोबार कर रहा है। वही, आज रुपया भी शुरुआती कारोबार में मजबूती के बाद डॉलर के मुकाबले कमजोर पड़ रहा है। फिलहाल रुपया 63.58 पर कारोबार कर रहा है जो कल के मुकाबले 14 पैसे कम है।

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विशेषज्ञों के मुताबिक बैश्विक बाजारों में छाई मंदी के असर से भारतीय बाजार में भी निराशा का माहौल है। साथ ही आईटी सेक्टर के कमजोर नतीजों ने भी बाजार का मूड बिगाड़ने का काम किया है।

बाजार की इस जोरदार गिरावट से निवेशकों व ट्रेडरों मे हडकंप मचा हुआ है। आज बीपीसीएल, भेल, अल्ट्राटेक, सिप्ला, एशियन पैंट्स जैसे बडे शेयरों में में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। बैंकिंग शेयर भी गिरे हैं। हालांकि भारती एयरटेल व केर्न के शेयर चढे हैं।

आज सेंसेक्स के सभी महत्वपूर्ण सूचकांक में गिरावट आयी है। सर्वाधिक गिरावट स्मॉल कैप व बीएसइ 100 शेयरों में आयी है। बीएसइ 200 व बीएसइ मिडकैप शेयरों में भी गिरावट आयी है। इन सूचकांकों में पौने दो प्रतिशत के आसपास गिरावट आयी है।

अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों में बिकवाली से भारतीय बाजार पर दबाव है। मंगलवार को अमेरिका आए कमजोर आर्थिक आंकड़ों से डाओ जोंस 18,000 के नीचे फिसल गया था। ग्रीस की चिंताओं ने भी बाजारों पर दबाव बनाने का काम किया है। ग्रीस के बेलआउट को लेकर बातचीत में देरी हो रही है। इसके अलावा आईएमएफ और यूरोपियन यूनियन के बीच ग्रीस के बेलआउट को लेकर असहमति बनी हुई है।

वहीं, घरेलू कारणों में सरकार के मैट पर रूख के कारण विदेशी संस्थागत निवेशक का उत्साह ठंडा पड़ चुका है।जीएसटी और भूमि अधिग्रहण बिल अटका हुआ है और इसके पास होने की कोई उम्मीद बाजार को दिख नहीं रही है। औद्योगिक उत्पादन में कमी का अनुमान से भी निवेशकों के उत्साह पर पानी फिरा है। क्रूड के दामों में आई तेजी की वजह से विदेशी निवेशक अब उधर का रूख कर रहे हैं। माना जा रहा है कि ईरान का मसला सुलझने में अभी देर है और तब तक क्रूड के दाम कमजोर पड़ने की उम्मीद नहीं है। इसके अलावा आज भी वैश्विक बाजारों के आज भी दबाव में खुलने की संभावना से भारतीय निवेशक दबाव में हैं।


वहीं, डॉलर की अधिक बिकवाली के कारण रुपये में मजबूती देखी जा रही है। वहीं, दूसरी करेंसियों के मुकाबले डॉलर कमजोर पड़ रहा है। अमेरिका के व्यापार घाटे में एकाएक तेजी आने से भी डॉलर दबाव में है।
कल के कारोबार में रुपया 63.44 पर बंद हुआ था जो कि 2 पैसे की गिरावट थी।

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