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    लग्जरी कार, एसयूवी खरीदने वालों पर होगी खुफिया नजर

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    Updated: Wed, 23 Jul 2014 08:49 AM (IST)

    टैक्स चोरी करने वालों को नकेल कसने के इरादे से आयकर विभाग लग्जरी कार और एसयूवी खरीदने वालों तथा शैक्षिक और कोचिंग संस्थानों में ऊंची फीस भरने वाले लोगों पर नजर रखेगा। शॉपिंग मॉल में खरीदारी पर भारी-भरकम खर्च करने वालों पर भी खुफिया निगाहें होंगी। विभाग ने इस मुहिम के लिए देश के

    नई दिल्ली [हरिकिशन शर्मा]। टैक्स चोरी करने वालों को नकेल कसने के इरादे से आयकर विभाग लग्जरी कार और एसयूवी खरीदने वालों तथा शैक्षिक और कोचिंग संस्थानों में ऊंची फीस भरने वाले लोगों पर नजर रखेगा। शॉपिंग मॉल में खरीदारी पर भारी-भरकम खर्च करने वालों पर भी खुफिया निगाहें होंगी। विभाग ने इस मुहिम के लिए देश के कुछ शहरों को खासतौर पर चुना है। इन शहरों में खासकर लखनऊ, गुवाहाटी, कोलकाता, चेन्नई, कोच्चि, बेंगलूर, पुणे और भोपाल पर खास तौर पर ध्यान दिया जाएगा।

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    आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग के खुफिया और आपराधिक जांच निदेशालय ने चालू वित्त वर्ष में करदाताओं का दायरा बढ़ाने के मकसद से यह योजना बनाई है। लखनऊ में लग्जरी कारों और एसयूवी (स्पो‌र्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) की खरीद करने वालों पर नजर रखने के लिए एक पायलट परियोजना तैयार की गई है। कार खरीदने वाले ऐसे लोगों के पास पैन नंबर है या नहीं, उन्होंने आयकर रिटर्न दाखिल किया है या नहीं, इस तरह की सूचनाएं जुटाई जाएंगी। अगर ऐसे किसी व्यक्ति ने टैक्स नहीं चुकाया या कम अदा किया है तो उससे कर वसूलने को कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह भोपाल में अचल संपत्ति की बिक्री पर होने वाली पूंजीगत प्राप्ति पर कर न चुकाने वालों पर नजर रखी जाएगी। विभाग ने नई दिल्ली में आयोजित दो-दिवसीय आयकर आयुक्तों के सम्मेलन में इस बात की जानकारी दी है। मंगलवार को समाप्त हुए इस सम्मेलन का उद्घाटन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किया था।

    शॉपिंग मॉल में अधिक खर्च करने वाले, शैक्षिक संस्थानों और कोचिंग संस्थानों में ऊंची फीस जमा करने वालों के बारे में भी विभाग जानकारी जुटाएगा। विभाग रेत के खनन तथा फिल्म, टेली-सीरियल और मीडिया सामग्री पर खर्च की भी विशेष पड़ताल की जाएगी।

    खुफिया और आपराधिक जांच विभाग ने पिछले वित्त वर्ष में भी शहरी व्यावसायिक बैंकों और कंपनियों के अधिग्रहण में कर चोरी पकड़कर बड़ी कर राशि वसूली। आयकर विभाग के इस निदेशालय ने गैर सरकारी क्षेत्र के एक बैंक को भी सूचना देने के लिए मजबूर किया, जिससे करीब 32,778 करदाता ऐसे मिले जो आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे थे। इस बैंक की देशभर में 750 शाखाएं हैं। यह बैंक बार-बार आग्रह के बावजूद खुफिया और आपराधिक जांच निदेशालय के साथ सूचना साझा नहीं कर रहा था।

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