अगर रुपये का मूल्य गिरा, खराब मॉनसून रहा तो बढ़ेगी महंगाईः मूडीज
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती बाजार की उम्मीदों के अनुरूप है, ये कहना है मूडी इन्वेस्टर्स सर्विस का।
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती बाजार की उम्मीदों के अनुरूप है, ये कहना है मूडी इन्वेस्टर्स सर्विस का। लेकिन, मूडीज ने आगाह करते हुए कहा कि अगर मॉनसून ठीक नहीं रहा और रुपये के मूल्य में गिरावट हुई तो देश के अंदर महंगाई बढ़ सकती है।
साल 2016-16 की पहली द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा नीति में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने उपभोक्ता सूचकांक 5 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान लगाया है।
मूडीज ने कहा कि भारत में औसत आर्थिक वृद्धि दर, उद्योग जगत की अतिरिक्त झमता और वैश्विक स्तर पर उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में कमी के चलते महंगाई को काबू रखने में मदद मिलेगी और ये मौजूदा दर पर बरकरार रहेगी।
मूडी इन्वेस्टर्स सर्विस के सोवरेन रिस्क ग्रुप के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मारिया डेरॉन ने कहा कि मॉनसून खराब होने के चलते अगर खाने-पीने के चीजों के दाम बढ़ते हैं तो महंगाई बढ़ सकती है। इसके साथ ही सातवें पे कमीशन को लागू करने और रुपये के मूल्य में गिरने की वजह से भी महंगाई बढ़ने की ज्यादा उम्मीद है।
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डेरॉन ने कहा कि 0.25 फीसदी की रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से ब्याज दरों में कटौती बिल्कुल बाजार की अपेक्षाओँ के अनुरूप है।
मूडीज ने ये भी कहा कि देश में सतत औसत घरेलू उत्पादन या मौजूदा स्थिति को बरकरार रखकर राजकोषीय लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है बजाय लोगों के खर्चों में बढ़ावा देकर या फिर राजस्व बढाने के उपाय अपनाकर।