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    7वें पे कमिशन के बाद खर्च का सर्वे, जानें- कहां होता है सबसे अधिक खर्च

    By Monika minalEdited By:
    Updated: Thu, 30 Jun 2016 02:15 PM (IST)

    आमदनी के बिना खर्च की बात नहीं होती है। 7वें पे कमिशन के आने के बाद खर्च में तेजी की संभावना है ऐसे में एनएसएसओ ने भारतीयों के खर्च का ब्‍यौरा दिया है।

    नई दिल्ली। सातवें वेतन आयोग को कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही केंद्रीय कर्मियों में उल्लास है, आखिरकार वेतन में अच्छा इजाफा जो होने वाला है। आमदनी का जरिया मिलते ही एनएसएसहो ने भारतीयों के खर्च पर भी एक सर्वे कर दिया जिससे यह पता चला कि सभी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में सबसे अधिक वाहनों पर भारतीयों द्वारा खर्च किया जाता है। वाहनों पर अत्यधिक खर्च करने वाले भारतीयों में डोमेस्टिक व एंटरप्राइजेज दोनों ही कैटेगरी है।

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    नेशनल सैंपल सर्वे आर्गेनाइजेशन (एनएएसएसओ) द्वारा जारी डाटा के अनुसार कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर कुल खर्च का 83.05 फीसद वाहनों की खरीद पर होता है। शहरी और ग्रामीण इलाके से प्राप्त आंकड़े एक जैसे हैं। ग्रामीण एंटरप्राइजेज की ओर से 83.05 फीसद जबकि ग्रामीण हाउसहोल्ड की ओर से 44.71 फीसद का आंकड़ा प्राप्त हुआ है। दूसरी ओर शहरी एंटरप्राइजेज के कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के कुल खर्च का 76.13 फीसद वाहनों वहीं शहरी हाउस होल्ड की ओर से 45.72 फीसद होता है।

    एंटरप्राइज स्तर और डोमेस्टिक स्तर पर खर्च में अंतर सामने आने के बाद पता चला है। डोमेस्टिक हाउसहोल्ड में ग्रामीण आबादी का 23.09 फीसद और शहरी आबादी का 18.04 फीसद हिस्सा गहनों पर खर्च होता है, जो दूसरा सबसे बड़ा खर्च है।

    हालांकि ग्रामीण इलाकों में एंटरप्राइज हाउसहोल्ड के खर्च का दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा यानी 4.35 फीसद आइटी और कम्युनिकेशन डिवाइसेज पर है, जो कि 4.35 फीसद है वहीं शहरी इलाके में हीटिंग, कुलिंग और इलेक्ट्रीसिटी के डिवाइसेज पर खर्च किया जाता है जो 7.85 फीसद है।

    1जुलाई 2014 से 30 जून 2015 के दौरान सर्विसेज व ड्यूरेबल्स पर हाउसहोल्ड खर्च पर एनएसएसओ द्वारा किए गए 72वें सर्वे का ये रिजल्ट है।

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    ग्रामीण व शहरी दोनों ही इलाकों में 90 फीसद सैलून और पार्लर कम्युनिकेशन सर्विसेज होते हैं। बजट शेयर को देखें शहरी व ग्रामीण दोनों ही इलाकों में कम्युनिकेशन सर्विसेज को 25.33 फीसद व 26.33 फीसद मिले हैं।

    ग्रामीण इलाकों में 11.07 फीसद सैलून व पार्लर कम्युनिकेशन, 10.58 फीसद टीवी और रेडियो सर्विसेज, 10.27 फीसद इनके रख-रखाव में और 10.18फीसद टेलरिंग सर्विसेज में खर्च होता है। शहरी इलाकों में डोमेस्टिक सर्विसेज में 12.11 फीसद, टीवी और रेडियो सर्विसेज पर 10.22 फीसद व कल्चरल सर्विसेज पर 9.55 फीसद खर्च होता है।

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    एनएसएसओ की ओर से यह अपनी तरह का पहला फोकस्ड सर्वे है।