Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आप भी खा जाएंगे धोखा, यहां असली से ज्यादा बिकता है नकली माल

    By Edited By:
    Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

    ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी, 'चोरी ऊपर से सीना जोरी।' असली ब्रांड के नाम नकली प्रोडक्ट्स की यही कहानी है। देश में असली और नकली का खेल लंबे समय से चल रहा है। लोगों को पता ही नहीं चल पाता कि जो प्रोडक्ट वो घर लेकर जा रहे हैं वह असली या नहीं। हू ब हू दिखने वाले महंगे और विदेशी नकली प्रोड

    नई दिल्ली। ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी, 'चोरी ऊपर से सीना जोरी।' असली ब्रांड के नाम नकली प्रोडक्ट्स की यही कहानी है। देश में असली और नकली का खेल लंबे समय से चल रहा है। लोगों को पता ही नहीं चल पाता कि जो प्रोडक्ट वो घर लेकर जा रहे हैं वह असली या नहीं। हू ब हू दिखने वाले महंगे और विदेशी नकली प्रोडक्ट्स का मार्केट 40 फीसद की तेजी से आगे बढ़ रहा है। मजे की बात है कि नकली की तुलना में असली प्रोडक्ट्स का बाजार मात्र 20 फीसद भी नहीं बढ़ पाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पढ़ें : पटना में छप रहे हैं नकली डॉलर और यूरो

    विदेशी और देसी दोनों की कंपनियां इस बात से परेशान हैं, क्योंकि ऑनलाइन खरीदारी के साथ-साथ रिटेल मार्केट में भी असली जैसे मिलते-जुलते ब्रांड धड़ल्ले से बिक रहे हैं। कंपनियां अब नकली ब्रांड बेचने और बनाने वाली फर्मो को आड़े हाथों ले रही हैं। कई लॉ कंपनियां विदेशी ब्रांड्स का केस लड़ रही हैं। इसके बावजूद ऐसे प्रोडक्ट्स बाजार में खुल कर बिक रहे हैं।

    सबसे ज्यादा टाइटन, द मिलानो, गूच्ची, पॉलिस, लूइस विटॉन, रॉलेक्स वॉच और पराडा ड्रेस के नकली ब्रांड भारत में व्यापक पैमाने पर बिक रहे हैं। ऐसे कई नकली ब्रांड भारत में चीन से आते हैं। चोरी की हद तो तब हो गई जब बाजार में एक प्रोडक्ट ऐसा आया जिसे वास्तविक कंपनी द्वारा बनाया भी नहीं जाता। मुंबई स्थित एक कंपनी ने हार्ले डेविडसन के नाम वाले डिओड्रेंट को न सिर्फ थोक बाजार में बेच रही हैं बल्कि उसे मॉडर्न रिटेल स्टोर्स पर भी बेच रही है। ऐसे रिटेल स्टोर्स पर प्रोडक्ट बेचने से ग्राहकों को भी यही लगता है कि यह असली ही है।

    ऐसा नहीं कि विदेशी ब्रांड का नकली बाजार बढ़ रहा है। कई महंगे भारतीय डिजाइनर कपड़ों की भी नकली कॉपी को बड़े पैमाने पर बेचा जा रहा है। दुकानदारों का विश्वास और भी बढ़ जाता है जब ग्राहक वापस लौटकर उसी ब्रांड को खरीदते हैं। असली की जगह नकली ब्रांड की कीमत भी वाजिब रहती हैं। लोग गूच्ची, पराडा और काउच के बैग्स को 2,500 रुपये में लेकर जा रहे हैं। इनकी असली कीमत 5,000 रुपये से ज्यादा रहती है। वहीं, रॉलेक्स और राडो की घडि़यां भी असली ब्रांड की कीमत पर बेची जा रही हैं।