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    सूना पड़ सकता है त्योहारों का बाजार, इस बार बोनस की नहीं आस

    अर्थव्यवस्था की सुस्ती इस साल नौकरीपेशा लोगों के त्योहारों को बेरंग कर सकती है। एक सर्वे के मुताबिक, इस बार लोगों के लिए त्योहारी मौसम को खराब करने वाली है। ज्यादातर निजी कंपनियां बोनस में कटौती करने का मन बना रही हैं। उद्योग संगठन एसोचैम के एक सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सुस्ती की वजह से कमाई घटने से त्

    By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

    नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था की सुस्ती इस साल नौकरीपेशा लोगों के त्योहारों को बेरंग कर सकती है। एक सर्वे के मुताबिक, इस बार लोगों के लिए त्योहारी मौसम को खराब करने वाली है। ज्यादातर निजी कंपनियां बोनस में कटौती करने का मन बना रही हैं।

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    पढ़ें: अर्थव्यवस्था से खिलवाड़

    उद्योग संगठन एसोचैम के एक सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सुस्ती की वजह से कमाई घटने से त्योहारी बजट में 40 फीसद की कटौती की गई है।

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    कुछ कंपनियां तो बोनस नहीं देने के भी पक्ष में हैं। एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने बताया है कि सुस्ती की सबसे ज्यादा मार छोटी और मझोली कंपनियों पर पड़ा है। इसलिए इन कंपनियों ने इस बार यह कदम उठाने का फैसला किया है। ज्यादातर कंपनियां दशहरे या दीवाली पर बोनस देती हैं। कंपनियों का कहना है कि मांग घटने से आमदनी तो घटी ही है, रुपये की गिरावट ने लागत और बढ़ा दी है। इससे उन पर दोहरी मार पड़ रही है।

    इस सर्वे में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलूर और हैदराबाद में स्थित करीब 2,500 छोटी-बड़ी कंपनियों को शामिल किया गया है। इनमें फार्मा, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक्स, एफएमसीजी, ज्वैलरी, ऑटोमोबाइल्स, मैन्युफैक्चरिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे प्रमुख क्षेत्रों की ढाई हजार कंपनियां शामिल हैं। इसके अलावा, यह भी माना जा रहा है कि त्योहारी सीजन के दौरान इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, टीवी, लैपटॉप, वॉशिंग मशीन, किचन अप्लांयस, मोबाइल हैंडसेट और उससे जुड़े समान, पर्सनल कंप्यूटर गेम्स आदि की बिक्री में भी गिरावट दर्ज की जा सकती है।