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    आम बजट में खुलेगा सुधारों का पिटारा

    By Test2 test2Edited By:
    Updated: Sat, 21 Feb 2015 09:33 PM (IST)

    अर्थव्यवस्था को तेज रफ्तार विकास की पटरी पर वापस लाने के इरादे से घरेलू और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने लिए सरकार आम बजट में सुधारों का पिटारा खोलेगी।

    नई दिल्ली । अर्थव्यवस्था को तेज रफ्तार विकास की पटरी पर वापस लाने के इरादे से घरेलू और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने लिए सरकार आम बजट में सुधारों का पिटारा खोलेगी। वित्त मंत्री 28 फरवरी को आम बजट पेश करते हुए 'दूसरी पीढ़ी' के आर्थिक सुधारों का एलान कर सकते हैं। इसमे लंबित आर्थिक सुधारों के साथ व्यय सुधारों के रूप में कई ऐसे उपाय भी होंगे, जिनसे आम लोगों खासकर गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ पाने में आसानी होगी।

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    वित्त मंत्री अरुण जेटली कह चुके हैं कि आम बजट 2015-16 में सरकार दूसरी पीढ़ी के सुधारों की घोषणा करेगी। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ढांचागत क्षेत्र में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी कई सुधारात्मक कदम उठा सकती है। सूत्रों का कहना है कि आम बजट में कर, व्यय और अर्थव्यवस्था के क्षेत्रवार सुधारों (जैसे बैंकिंग क्षेत्र के सुधार) की घोषणा की जा सकती है। साथ ही बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने का एक रोडमैप भी घोषित किया जाएगा। वित्त मंत्रालय गार (जनरल एंटी अवॉइडेंस रूल्स) को लागू करने की नई समय सीमा का एलान भी कर सकता है। गार को पहले एक अप्रैल, 2014 से लागू किए जाने की योजना थी। निवेशकों की नाराजगी को देखते हुए सरकार ने इसे 2016 तक टाल दिया। अब भी निवेशक इसे लेकर आशंकित हैं। इसलिए राजग सरकार इसे और आगे खिसका सकती है। इसके साथ ही बहुप्रतीक्षित प्रत्यक्ष कर संहिता यानी डीटीसी के भविष्य को लेकर भी वित्त मंत्री स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं।

    बैंकिंग क्षेत्र की बेहतरी के कदम

    वित्त मंत्री आम बजट में बैंकिंग सुधारों को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के उन बैंकों के लिए रोडमैप जारी कर सकते हैं, जिनकी वित्तीय स्थिति बेहतर नहीं है। एक विचार यह भी है कि कुछ बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी घटाकर 51 प्रतिशत की जाए। हालांकि बैंकिंग यूनियनों के विरोध के मद्देनजर इसके आसार कम ही हैं। वित्त मंत्री सरकार के सब्सिडी बोझ को कम करने के लिए भी उपायों की घोषणा करेंगे। सूत्रों का कहना है कि खाद्य और खाद्यान्न सब्सिडी घटाने पर जोर दिया जाएगा।

    व्यय सुधारों पर रहेगा जोर

    साथ ही आम बजट में व्यय सुधारों पर भी पूरा जोर होगा। व्यय प्रबंधन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप सरकार कई उपायों का प्रावधान बजट में करेगी। सरकार एक अप्रैल, 2015 से देशभर में सभी सरकारी योजनाओं और कार्यक्रम के लाभार्थियों को भुगतान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में भेजने की घोषणा कर चुकी है।

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