नए स्पेक्ट्रम के लिए उपयोग शुल्क घटा, कंपनियों को होगा फायदा
मंत्रियों के उच्चाधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) ने सभी तरह के नए स्पेक्ट्रम के लिए उपयोग शुल्क (एसयूसी) को पांच फीसद करने पर मुहर लगा दी है। जीएसएम और स ...और पढ़ें

नई दिल्ली। मंत्रियों के उच्चाधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) ने सभी तरह के नए स्पेक्ट्रम के लिए उपयोग शुल्क (एसयूसी) को पांच फीसद करने पर मुहर लगा दी है। जीएसएम और सीडीएमए ऑपरेटरों के लिए जहां इस दर में कटौती हुई है, वहीं ब्रॉडबैंड ऑपरेटरों के लिए इसमें चार फीसद की बढ़ोतरी हुई है।
सोमवार को ईजीओएम की बैठक में टेलीकॉम नियामक ट्राई की सिफारिशों को नकार दिया गया। ट्राई ने एसयूसी को तीन फीसद करने की सिफारिश की थी। अब इसे कैबिनेट की अंतिम मंजूरी मिलनी बाकी है। मौजूदा ऑपरेटरों ने इस फैसले पर नाखुशी जताते हुए कहा है कि ट्राई की सिफारिशों को लागू करना टेलीकॉम उद्योग के लिए फायदेमंद होता।
वित्त मंत्रालय 3 फीसद स्पेक्ट्रम शुल्क के पक्ष में
ईजीओएम के फैसले के मुताबिक तीन फरवरी से होने वाली नीलामी में यदि पुराने ऑपरेटर स्पेक्ट्रम पाने में सफल होते हैं तो उन्हें इसके लिए पांच फीसद की दर से एसयूसी चुकाना होगा। वहीं, पुराने स्पेक्ट्रम के लिए उन्हें मौजूदा दर पर ही एसयूसी देना होगा। जीएसएम और सीडीएमए सेवा प्रदाताओं के लिए इसकी दर फिलहाल तीन-आठ फीसद है। वहीं, ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम के लिए यह एक फीसद है।
डॉट ने की गलती, मुकेश अंबानी को हुआ फायदा
स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क की रकम औसत रूप से निकाली जाती है। एसयूसी के तहत टेलीकॉम कंपनियों को अपनी सालाना आय का एक हिस्सा सरकार को देना होता है। टेलीकॉम मंत्री कपिल सिब्बल ने ईजीओएम के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि इससे उपभोक्ताओं को फायदा होगा। साथ ही नई और पुरानी दोनों तरह की टेलीकॉम कंपनियों को भी लाभ होगा। इस निर्णय को अंतिम मंजूरी के लिए जल्द ही कैबिनेट में भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि ब्रॉडबैंड ऑपरेटरों ने भी यदि नीलामी में नए बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम खरीदे तो उन्हें भी पांच फीसद की दर से उपयोग शुल्क देना होगा। इन कंपनियों को ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम और नए स्पेक्ट्रम से मिले राजस्व को अलग दिखाना होगा। सूत्रों ने बताया कि फिलहाल एसयूसी की दर भले ही तीन-आठ फीसद है, मगर ज्यादातर कंपनियों से औसत रूप में 4.8 फीसद की दर पर ही उपयोग शुल्क की वसूली होती है। इसे अब पांच फीसद कर दिया है। इसलिए राजस्व को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की अध्यक्षता वाले ईजीओएम को टेलीकॉम आयोग ने तीन विकल्प दिए थे। इनमें से एक एसयूसी को तीन फीसद करना, दूसरा पांच फीसद और तीसरा मौजूदा व्यवस्था को ही चलने देने का विकल्प दिया गया था। टेलीकॉम नियामक ट्राई ने सभी के लिए एक समान एसयूसी की सिफारिश की थी। इसके बाद मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस जियो इंफोकॉम और भारती एयरटेल, वोडाफोन एवं आइडिया के बीच विवाद शुरू हो गए थे। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने कहा कि यह निर्णय खुशी देने वाला है। भारती और वोडाफोन जैसी बड़ी कंपनियों को अब छह के बजाय पांच फीसद की दर से एसयूसी देना होगा। वहीं, छोटे ऑपरेटरों पर मामूली भार पड़ेगा।

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