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    दाल आयात के लिए विदेशी सरकारों के साथ अनुबंध की तैयारी

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Tue, 14 Jun 2016 10:10 AM (IST)

    मांग और आपूर्ति के अंतर को कम कर दालों की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए भारत विदेशी सरकारों के साथ अनुबंध की योजना बना रहा है। ...और पढ़ें

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    बेंगलुरु, (पीटीआई)। मांग और आपूर्ति के अंतर को कम कर दालों की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए भारत विदेशी सरकारों के साथ अनुबंध की योजना बना रहा है।

    केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने यह जानकारी दी।पासवान ने बताया कि दालों की स्थिति नियंत्रण में है। माह दर माह दाम नीचे आ रहे हैं। इस साल उत्पादन 170 लाख टन है। पिछले साल यह 171 लाख टन था। जबकि उससे पहले 173 लाख टन था। मांग हर साल 10 लाख टन बढ़ रही है। इस साल यह 246 टन रहेगी। केंद्र ने दालों की किल्लत से निपटने के लिए रणनीति बनाई है। इससे इनकी कीमतों में स्थिरता लाने में मदद मिलेगी। अंतर करीब 76 लाख टन का है।

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    इस मामले में निजी आयातक 60 लाख टन आयात कर सकते हैं। शेष के लिए सरकार ने सरकारी स्तर के अनुबंध की योजना बनाई है। इसके लिए भारतीय दल म्यांमार और अन्य देश जाएगा। सरकार ने बफर स्टॉक भी बनाए रखा है। इसके लिए पहले ही 1,13,000 टन दालों की खरीद की गई है। राज्य सरकारों को भी खुदरा वितरण के लिए दालों की खरीद करने को कहा गया है। केंद्र अरहर 66 रुपये और उड़द 82 रुपये प्रति किलो के मूल्य पर उपलब्ध करा रहा है। चीनी की कीमतों पर पासवान बोले कि पिछले कुछ माह में इसके दामों में बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने इससे निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं।

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