Move to Jagran APP

कोल इंडिया, एनटीपीसी बनेंगी दुनिया की दिग्गज कंपनियां

देश में आर्थिक उदारीकरण के नए दौर की शुरुआत कर चुकी मोदी सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के लिए बेहद महत्वाकांक्षी योजना भी बना रही है। खास तौर पर ऊर्जा क्षेत्र की पीएसयू को दुनिया की दिग्गज कंपनी बनाने का खाका तैयार किया गया है। इसके तहत घरेलू कोयला

By Manoj YadavEdited By: Published: Mon, 17 Nov 2014 08:04 PM (IST)Updated: Tue, 18 Nov 2014 12:16 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में आर्थिक उदारीकरण के नए दौर की शुरुआत कर चुकी मोदी सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के लिए बेहद महत्वाकांक्षी योजना भी बना रही है। खास तौर पर ऊर्जा क्षेत्र की पीएसयू को दुनिया की दिग्गज कंपनी बनाने का खाका तैयार किया गया है। इसके तहत घरेलू कोयला कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) को दुनिया की सबसे बड़ी खनन कंपनी बनाने की कोशिश की जाएगी। इसी तरह एनटीपीसी को दुनिया की सबसे बड़ी संपूर्ण बिजली कंपनी बनाने की तैयारी है। राजग सरकार इस काम को अपने कार्यकाल के अंत तक अंजाम देना चाहती है।

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक सीआइएल और एनटीपीसी के लिए सिर्फ लक्ष्य तय नहीं किए गए हैं, बल्कि इन्हें कैसे एक ग्लोबल दिग्गज कंपनी में तब्दील किया जाएगा, इस पर काफी काम हो चुका है। कोल इंडिया के मौजूदा 50 करोड़ टन सालाना कोयला उत्पादन को 100 करोड़ टन करने के बाद यह सबसे बड़ी खनन कंपनी बन जाएगी। इसके लिए तीन सूत्री रणनीति अपनाई जाएगी। कोल इंडिया की लंबित तीन रेलवे परियोजनाओं (झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़) पर अगर काम जल्दी हो जाए तो कंपनी के कोयला उत्पादन में 20 करोड़ टन सालना की बढ़ोतरी हो जाएगी। रेल मंत्री सुरेश प्रभु के साथ कोयला व बिजली मंत्री पीयूष गोयल की इस बारे में लगातार बातचीत हो रही है। झारखंड स्थित रेल लाइन के काम जल्द शुरू होगा। इसके अलावा कोल इंडिया की दो सौ कोयला खदान हैं, जहां बिल्कुल ही काम नहीं हो रहा है। इनमें काम शुरू कर 20 करोड़ टन अतिरिक्त उत्पादन हो सकता है। इसके अलावा कंपनी नई तकनीकी का इस्तेमाल कर मौजूदा कोल ब्लॉकों से ही 20 करोड़ टन और उत्पादन किया जा सकता है।

एनटीपीसी को सरकार एक संपूर्ण बिजली कंपनी बनाने की योजना तैयार कर रही है। इस योजना के तहत एनटीपीसी के पास अपने कोयला भंडार भी होंगे, बिजली संयंत्र तो होंगे ही साथ ही कंपनी का बिजली वितरण नेटवर्क भी होगा। एनटीपीसी को उसकी क्षमता के मुताबिक पर्याप्त कोयला भंडार जल्द दे दिया जाएगा। इसके अलावा एनटीपीसी को बिजली वितरण में पूरी तरह से उतरने की इजाजत दी जाएगी। इसके लिए एक कैबिनेट नोट तैयार किया जा रहा है।

पढ़ेंः एक लाख 28 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन एनटीपीसी का लक्ष्य

पढ़ेंः एनटीपीसी ने मांगी पॉवर प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने की इजाजत


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.