टैक्स वापसी बिना नहीं मानेंगे सराफा व्यापारी
टैक्स वापसी की मांग को लेकर दो मार्च से ही सराफा कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठानों पर ताला लगा रखा है।
नई दिल्ली। जागरण संवाददाता। आम बजट में सोने के गहनों पर एक फीसद उत्पाद शुल्क के प्रस्ताव का विरोध कर रहे सराफा कारोबारियों ने घोषणा की है कि जब तक सरकार टैक्स पर रोल बैक नहीं करेगी, तब तक हड़ताल जारी रखी जाएगी। देशभर से आए सराफा कारोबारियों ने यहां रामलीला मैदान में रैली में अपना निश्चय दोहराया। टैक्स वापसी की मांग को लेकर दो मार्च से ही सराफा कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठानों पर ताला लगा रखा है।
बृहस्पतिवार को ऑल इंडिया बुलियन वैलर्स एवं स्वर्णकार एक्शन कमेटी (एआइबीजेएस) के बैनर तले आयोजित रैली में दिल्ली, एनसीआर के साथ ही अन्य रायों से सराफा कारोबारी शामिल हुए। एआइबीजेएस के अध्यक्ष रामअवतार वर्मा ने कहा कि यूपीए सरकार ने वर्ष 2012 में जेवर पर एक्साइज ड्यूटी लगाई थी, उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने इसका विरोध किया था। अब वह इसे जायज ठहरा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सवाल एक फीसद का नहीं है बल्कि इंस्पेक्टर राज और हिसाब-किताब का है। सरकार कह रही है कि 12 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले सराफा कारोबारी इस दायरे में नहीं आएंगे, लेकिन इसका निर्धारण तो उत्पाद शुल्क अधिकारी ही करेंगे। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा।
बुलियन एंड वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश सिंघल ने कहा कि केंद्र सरकार शुल्क लगाना ही चाहती है तो बीच का रास्ता तलाशे। धीरे-धीरे कदम आगे बढ़ाए। सरकार यदि लाखों कारोबारियों के हितों पर ध्यान नहीं देगी तो आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा का बहिष्कार किया जाएगा।
सराफा कारोबारियों की चिंता से संबंधित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से भेजा गया पत्र आम आदमी पार्टी की ट्रेड विंग के संयोजक बृजेश गोयल ने मंच से पढ़ा। रैली में शामिल लोगों ने हाथ और सिर पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं।