कर्ज लेकर अपनी परी की उड़ान को पंख दे रहे किसान माता-पिता
देश की नई उड़न परी निर्मला श्योराण की कामयाबी उनके माता-पिता के संघर्ष व समर्पण की गाथा है। माता-पिता कर्ज लेकर अपनी बेटी को ऊंची उड़ान को पंख देने में जुटे हैं।

पुरुपोत्तम भोल्याण, बहल (भिवानी)। पीटी ऊषा के बाद देश की नई उड़न परी और देश को एथलेटिक्स में नया गौरव दिलाने को अग्रसर निर्मला श्योराण किसान माता-पिता के संघर्ष आैर समर्पण की मिसाल है। पिता सुरेश कुमार श्योराण अपनी बेटी को ऊंची उड़ान के लिए कर्ज लेते हैं तो मां करुणावती बीमार होने के बावजूद खेतों में मेहनत करती हैं। वे अपनी बेटी को ऊंचे मुकाम तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं रहने देना चाहते हैं।
सुरेश अब तक सात लाख रुपये बैंक से कर्ज ले चुके हैं। इसके अलावा, तीन लाख रुपये दो फीसद ब्याज पर फाइनेंसरों से रुपये ले चुके हैं। देश ही नहीं एशिया की सबसे तेज धाविका बन चुकी बेटी को दुनिया में नंबर एक बनाना उनकी हसरत है और संकल्प भी। सुरेश की पत्नी करुणावती बीमार रहती हैं। बावजूद इसके उनके साथ दिन रात खेतों में मेहनत करती हैं।
किसान माता-पिता के संघर्ष से बेटी हासिल कर रही मंजिल
निर्मला देश की चार सौ मीटर की दौड़ में देश की सबसे तेज धावक तो है ही, वह एशिया की नंबर वन रैंक भी हासिल कर चुकी है। निर्मला की हसरत विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक में गोल्ड जीतने की है। इस सपने को हकीकत में बदलने में सुरेश श्योराण पूरी तरह जुटे हुए हैं और वह इसमें कोई कमी नहीं रहने देना चाहते हैं। सुरेश कहते हैं, बेटी की सोना जीतने की हसरत पूरी हो जाए बस। इसके लिए वह फिर कर्ज लेने के लिए बैंकों के चक्कर काट रहे हैं। कहते हैं कि सारी जिंदगी मेहनत करूंगा। सारा कर्ज उतार दूंगा। मरते दम तक हार नहीं मानूंगा।
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निर्मला के पिता सुरेश श्यारोण आैर माता करुणावती।
बेटी विश्व चैंपियनशिप में सोना जीतकर लाए, इसके लिए दस लाख रुपये का कर्ज ले चुके पिता
भिवानी के गांव चैहड़ खुर्द की पगडंडियों पर सामान्य जूतों में दौड़कर सिंथेटिक्स ट्रैक पर उड़ान भरने वाली निर्मला एक सप्ताह पहले पटियाला में हुई 21वीं राष्ट्रीय 50.28 सेकेंड में 400 मीटर दौड़ कर रिकार्ड बना चुकी है। इसके साथ ही वह देश की सबसे तेज धावक तो बन ही गई और पूरे एशिया में भी नंबर वन रैंक हासिल कर ली। वह अगस्त, 2017 में लंदन में होने वाले वल्र्ड कप चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाइ कर चुकी है।
निर्मला सबकी बेटी, आगे बढ़ाने के लिए आगे आएं
निर्मला को बिजेंद्र सिंह प्रशिक्षण तो देते हैं और आर्थिक मदद भी करते हैं। उन्होंने कहा ' वह मेरी भी तो बेटी ही है। मैं प्रशिक्षक हूं तो उसका अभिभावक भी। वैसे भी बेटियां तो सबकी सांझी होती हैं। निर्मला की उपलब्धियों पर पूरे प्रदेश को गर्व होता है। पूरे देश को गर्व होता है। उसको प्रोत्साहित करना हम सबका फर्ज है।
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पूर्व एसएसपी महेंद्र सिंह और सामाजिक कार्यकर्ता बिमला श्योराण जैसे कुछ लोग उसकी मदद कर रहे हैं। बिजेंद्र चाहते हैं कि सरकार निर्मला के पिता की मदद करे ही समाज के लोग भी आगे आएं। उन्हें उम्मीद है कि नाउम्मीदी नहीं होगी। लोग आगे आएंगे। बेटी सोना जीतेगी। जागरण भी यही चाहता है। दुआओं के साथ, शुभकामनाओं के साथ।

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