मैं तो हमेशा से मोटी थीः भूमि पेडनेकर
भूमि पेडनेकर ने अपनी पहली फिल्म 'दम लगा के हईशा' में एक बेहद मोटी लड़की के रोल में दर्शकों का दिल जीत लिया है। इस बारे में भूमि का कहना है कि रोल के मुताबिक वजन बढ़ाना उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं थी, क्योंकि वे तो हमेशा से ऐसी
मुंबई। भूमि पेडनेकर ने अपनी पहली फिल्म 'दम लगा के हईशा' में एक बेहद मोटी लड़की के रोल में दर्शकों का दिल जीत लिया है। इस बारे में भूमि का कहना है कि रोल के मुताबिक वजन बढ़ाना उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं थी, क्योंकि वे तो हमेशा से ऐसी ही रही हैं।
25 वर्षीय भूमि ने 'दम लगा के हईशा' में संध्या नाम की बेहद मोटी लड़की का रोल निभाया है, जिसे खाने से बहुत प्यार है। वे इस बारे में कहती है कि हमेशा से ही वे मोटी रही हैं और उन्हें इससे कोई परेशानी नहीं है। मेरे जो मन में आए मैं पहनती हूं औऱ जो मुझे पसंद हो वो मैं करती हूं। मोटे होने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसे में जब इस रोल के लिए मुझे औऱ वजन बढ़ाने को कहा गया। तो मुझे बेहद खुशी हुई क्योंकि मुझे खाने से बहुत प्यार है।
भूमि ने कहा, 'फिल्म इंडस्ट्री में आज तक किसी एक्ट्रेस को सेट पर रोज बटर चिकन और दाल मखनी खाने को नहीं मिला होगा। लेकिन मुझे मिला क्योंकि यह भी फिल्म की तैयारी का ही हिस्सा था। वो मेरे जीवन के सबसे अच्छे दिन थे।'
'दम लगा के हईशा' का निर्देशन शरत कटारिया ने किया है जिसकी आलोचकों ने काफी सराहना की है। खासतौर से फिल्म के लीड कलाकारों भूमि और आयुष्मान खुराना का काम काबिले तारीफ है।
भूमि ने इससे पहले यशराज फिल्मस में कास्टिंग मेम्बर के रुप में छः सालों तक काम किया है। इस फिल्म में मोटी लड़की का रोल करने के बाद उन्होंने अपना वजन तेजी से घटाया और आजकल वे काफी फिट दिख रही हैं। यशराज फिल्मस के साथ भूमि का तीन फिल्मों का कांट्रैक्ट है। भूमि का कहना है कि रोल के लिए जरुरत पड़ी तो उन्हें अपना वजन बढ़ाने या घटाने से कोई परहेज नहीं है।
उनका कहना है, 'स्लिम होना मेरा लक्ष्य नहीं है। मैं घर का बना खाना पसंद करती हूं और उसे खाकर मैं फिट भी रहती हूं। हालांकि अगर किसी फिल्म के लिए मुझे बिल्कुल स्लिम होने की जरुरत पड़ी तो मैं जरुर ऐसा करूंगी। उसी तरह अगर दोबारा मुझे किसी फिल्म के लिए वजन बढा़ना पड़ा तो मैं उसके लिए भी तैयार हूं।'
भूमि ने कहा कि अब मोटे कलाकारों को भी फिल्म इंडस्ट्री स्वीकार कर रही है यह काफी अच्छा है। उन्होने कहा, 'यह काफी अच्छा है कि अब टैलेंट को महत्व दिया जा रहा है। बॉडी साइज से कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं समझती हूं कि सुन्दरता महज खूबसूरत दिखने में नहीं है बल्कि खूबसूरत महसूस करने में है। '
उन्होंने कहा कि आजकल की काफी एक्ट्रेस साइज जीरो की नहीं है, फिर भी दर्शक उन्हें पसंद कर रहे हैं। आजकल न सिर्फ फिल्मों में बदलाव आया है, बल्कि एक एक्ट्रेस को लेकर दर्शकों की संवेदना में भी बदलाव आया है।
यह पूछे जाने पर कि यह रोल उन्हें कैसे मिला। भूमि ने बताया कि वे झूठ-मूठ का ऑडिशन दे रही थी। उन्हें बताया गया कि संध्या के रोल के लिए कुछ कलाकारों को ऑडिशन देना है, जो मुम्बई के बाहर रहते हैं। इसलिए उन्हें रेफरेंस के लिए सीन को शूट कर भेजना है। लेकिन पहले ही राउंड में उनका ऑडिशन सफल रहा और उन्हें बताया गया कि इस रोल के लिए उन्हें चुना गया है।
भूमि ने कहा, 'मैं सचमुच बहुत खुश थी। साथ ही घबराहट भी हो रही थी। क्योंकि मैंने कभी किसी फिल्म में रोल मिलने की उम्मीद नहीं की थी, खासतौर से जिसकी कहानी भी इतनी अच्छी हो। मुझे उस दिन अपने आप पर गर्व महसूस हो रहा था। '
उन्होंने बताया कि यह एक सपना जैसा है कि जिस यशराज फिल्मस में कास्टिंग मेम्बर के रुप में मैं 18 साल की उम्र से वे काम कर रही थी, वहीं उन्हें फिल्म में काम करने का मौका मिला। अब एक दिन वे फिल्ममेकर भी बनना चाहती है, क्योंकि इस प्रोफेशन से उन्हें बेहद प्यार है।
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