प्रद्युम्न हत्याकांड: 75वें दिन सलाखों से बाहर निकला अशोक, भर आईं आंखें
अशोक की रिहाई शाम सात बजकर बारह मिनट पर हुई लेकिन उसके रिहाई का आदेश लेकर अधिवक्ता व परिजन तथा गांव के लोग दोपहर तीन बजे पहुंच गए थे।
गुरुग्राम [जेएनएन]। प्रद्युम्न हत्याकांड में एसआइटी द्वारा गिरफ्तार अशोक 75वें दिन जेल की सलाखों से बाहर निकला। बाहर निकलते ही उसकी आंखें भर आईं। परिवार के सदस्यों व गांव के लोगों ने अशोक को मीडिया के सामने नहीं आने दिया।
मीडिया को भ्रमित करने के लिए उसे जिस वाहन से जाना था उसमें नहीं बैठा कर दूसरे वाहन में ले जाया गया। अशोक की रिहाई शाम सात बजकर बारह मिनट पर हुई लेकिन उसके रिहाई का आदेश लेकर अधिवक्ता व परिजन तथा गांव के लोग दोपहर तीन बजे पहुंच गए थे।
बुधवार को पूरी हुई प्रक्रिया
मंगलवार को अदालत ने जमानत पर फैसला सुनाया था। जमानत के लिए 50 हजार रुपये का बांड भरा जाना था। यह कार्य मंगलवार को नहीं हो सका। बुधवार को प्रक्रिया पूरी हुई। सुबह दस बजे से ही अशोक के अधिवक्ता मोहित वर्मा विशेष अदालत में बांड भरने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए पहुंच गए थे। दोपहर दो बजे से पहले प्रक्रिया पूरी की गई। इसके बाद जमानत पर रिहा करने की कार्यवाही शुरू की गई।
मामा से की गई पूछताछ
बस सहायक अशोक के रिश्ते में मामा ओमप्रकाश से मंगलवार शाम सीबीआइ ने कई घंटे तक पूछताछ की। पूछताछ ओमप्रकाश को लेकर सामने आई एक ऑडियो को लेकर की गई। ऑडियो में आरोपी छात्र के किसी जानकार से ओमप्रकाश की बात करते हुए आवाज है। बुधवार को अदालत परिसर में इस बात की चर्चा जोरों पर रही। हालांकि अधिकतर लोगों ने यही कहा कि यह सोची समझी साजिश का हिस्सा था।
साजिश का शिकार
अशोक को जमानत न मिले इसके लिए किसी ने साजिश रची थी। इस बारे में ओमप्रकाश बुधवार को केवल इतना कहा कि किसी ने उनके साथ छल किया। अशोक रिश्ते में भांजा लगता है। वह परेशानी में है इसलिए जहां तक मदद हो सके, आगे आया। क्या पता था कि कोई उन्हें भी अपनी साजिश का शिकार बना लेगा।
यह भी पढ़ें: प्रद्युम्न हत्याकांड: 12वीं पास कर कानून की पढ़ाई करना चाहता है आरोपी छात्र
यह भी पढ़ें: प्रद्युम्न हत्याकांड में फिर नया मोड़, जानिये- VIRAL ऑडियो का पूरा सच