प्रद्युम्न हत्याकांड: 12वीं पास कर कानून की पढ़ाई करना चाहता है आरोपी छात्र
काउंसलर अपर्णा के अनुसार आरोपी ने संगीत में रुचि दिखाई है और कॉमर्स में 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद वकालत करने की इच्छा व्यक्त की। अपर्णा ने बताया कि बातचीत में बेहद शांत दिखा।
फरीदाबाद [जेएनएन]। गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के मासूम छात्र प्रद्युम्न की हत्या करने के आरोप में सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार किए गए और इन दिनों जिले के बाल सुधार गृह में न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपी 11वीं कक्षा के छात्र ने 12वीं की परीक्षा के बाद लॉ की पढ़ाई करने की इच्छा जताई है। आरोपी छात्र अब धीरे-धीरे सामान्य भी हो रहा है।
सकारात्मक लहजे में की बात
सुधार गृह के अधीक्षक दिनेश यादव और उनसे मिलने गई बाल संरक्षण इकाई की काउंसलर अपर्णा की मानें, तो आरोपी छात्र दिन भर तनाव रहित रहा और उसने सभी बच्चों के साथ एवं मिलने आए उसके माता-पिता, चाची व बुआ के साथ सकारात्मक लहजे में बातचीत की।
सामान्य व्यवहार
अधीक्षक दिनेश यादव ने बताया कि मंगलवार को बाल दिवस था और इस मौके पर बाल सुधार गृह में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। प्रद्युम्न के हत्यारोपी ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में तो भाग नहीं लिया, पर कार्यक्रम देखे जरूर, उसने अन्य बच्चों की तरह ही सामान्य व्यवहार किया। सुबह उसने प्रार्थना सभा में भी भाग लिया। उसने बैडमिंटन भी खेला।
वकालत करने की इच्छा
काउंसलर अपर्णा के अनुसार आरोपी ने संगीत में रुचि दिखाई है और कॉमर्स में 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद वकालत करने की इच्छा व्यक्त की। अपर्णा ने बताया कि बातचीत में बेहद शांत दिखा। उन्होंने कहा कि बाल सुधार गृह के नाम में ही सुधार शब्द जुड़ा है ताकि बच्चों के व्यवहार में सुधार आए, इसलिए हम ऐसी कोई बात नहीं करते जो नकारात्मक लहजे में हो। बातचीत में आरोपी ने यह भी बताया कि नाश्ते में उसने पराठा व सब्जी का सेवन किया।
मिलने पहुंचे परिजन
इधर, दोपहर को किशोर आरोपी से मिलने उसके माता-पिता, चाची व बुआ आई। इनकी मीडिया कर्मियों से तो कोई बात नहीं हुई, पर जेल अधीक्षक यादव के अनुसार अभिभावक दो जोड़ी कपड़े साथ लाए थे, जो किशोर को दे दिए गए।
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यह रहता है बाल सुधार गृह का शेड्यूल
सुबह 6.30 बजे : सुधार गृह में आए बच्चों की होती है गिनती
6.45 से 7.30 : योग, पीटी, परेड और राष्ट्रगान के साथ प्रार्थना सभा
7.30 से 8.30 : नहाना, धोना
8.30 से 9.00 : नाश्ता
9.00 से 9.30 : उन बच्चो को अदालत ले जाया जाता है, जिनकी पेशी की तारीख है।
9.30 से 12.30 : पढ़ने के लिए बच्चों की प्राइमरी व उच्च शिक्षा की अलग-अलग कक्षाएं लगती हैं।
दोपहर
12.30 से 1.00: मनोरंजन का समय, बच्चों के बीच क्विज प्रतियोगिता, चुटकुले, कहानियां आदि
1.00 से 1.30: बजे लंच और फिर गिनती
1.30 से 3.00: विश्राम
3 से 3.30 : बिस्कुट-चाय
3.30 से 5.30 इंडोर व आउटडोर खेलों में बच्चे भाग लेते हैं। इसके तहत बैडमिंटन, लूडो, कैरम, आदि खेल खिलाया जाता है।
5.30 से 6.30 : विश्राम
6.30 से 7.30 : रात्रि भोजन
7.00 बजे लॉकअप में सोने के लिए