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प्रद्युम्न हत्याकांड में फिर नया मोड़, जानिये- VIRAL ऑडियो का पूरा सच

ऑडियो उसी दिन वायरल हुआ, जब अशोक की जमानत पर सुनवाई थी। हालांकि, कोर्ट ने उसे जमानत दे दी है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 22 Nov 2017 08:42 AM (IST)Updated: Thu, 23 Nov 2017 06:02 PM (IST)
प्रद्युम्न हत्याकांड में फिर नया मोड़, जानिये- VIRAL ऑडियो का पूरा सच

गुरुग्राम (जेएनएन)। तीन ऑडियो वायरल होने से प्रद्युम्न हत्याकांड में मंगलवार को फिर नया मोड़ आ गया। ऑडियो में बस हेल्पर अशोक कुमार के मामा ओमप्रकाश चोपड़ा और सीबीआइ द्वारा आरोपी बनाए गए 11वीं के छात्र के रिश्तेदार की बातचीत है।

वायरल ऑडियो में ओमप्रकाश कह रहा है कि हम इस मामले को घुमा देंगे और दोष स्कूल पर डाल देंगे। पहले अशोक को बाहर आ जाने दो। सीबीआइ ने ओमप्रकाश को इस बारे में पूछताछ के लिए बुलाया है।

एक ऑडियो में ओमप्रकाश छात्र के रिश्तेदार से कह रहा है कि मैं तुम्हें तरीका बताऊंगा। मैंने तुम्हारा नंबर डिलीट कर दिया है, जो मैंने दुकान से लिया था। मीडिया वाले मेरे पास आएंगे। तुम यहां मत आना।

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जल्दबाजी में मामला खराब हो सकता है। ये केस तुम्हारे फेवर में रहेगा। हम लोग इस मामले को नया मोड़ दे देंगे और सारा दोष स्कूल पर डाल देंगे। दूसरे और तीसरे ऑडियो में भी कुछ ऐसी ही बातें कही गई हैं, जिससे मामला उलट सकता है।

जब इस बारे में ओमप्रकाश से पूछा गया तो उसने कुछ बोलने से मना कर दिया। गौरतलब है कि ऑडियो उसी दिन वायरल हुआ, जब अशोक की जमानत पर सुनवाई थी। हालांकि, कोर्ट ने उसे जमानत दे दी है।

पहला ऑडियोः- 

आरोपी छात्र का रिश्तेदार: जी, ये स्कूल की ओर से ही किया गया है।

अशोक का मामा: तुम नहीं जान सकते ये कैसे हुआ।

रिश्तेदार: आप बताएं, मामले से कैसे निपटा जाए।

अशोक का मामा: वक्त आने पर बताऊंगा कि कब और क्या करना है, जल्दबाजी मत करो।

रिश्तेदार: मुझे कहां आना है?

अशोक का मामा: मैं तुम्हें बताऊंगा कि कौन लोग हैं जो तुम्हारी मदद कर सकते हैं।

रिश्तेदार: आप कब फोन करेंगे?

अशोक का मामा: पहले अशोक को इस मामले से निकालना है। वकील साहब (आरोपी छात्र का पिता) से कहिये, परेशान न हों, नहीं तो वो अपने बेटे को खो देंगे, मैं आपकी मदद करूंगा।

रिश्तेदार: क्या हमारे पास पूरे सबूत हैं?

अशोक का मामा: हां हमारे पास पूरे सबूत हैं। मैं आपको बताऊंगा कि स्कूल की क्या गलती है?

दूसरा ऑडियोः- 

अशोक का मामा: मैं बस ड्राइवर के परिवार से मिला। ड्राइवर और माली को टॉर्चर किया गया है, हमें कुछ करना होगा।

रिश्तेदार: हां, हमें कुछ तो करना होगा।

अशोक का मामा: दोनों ने मुझसे कहा कि आपका बच्चा निर्दोष है। प्रिंसिपल दोषी हैं। उन्होंने बच्चे को फंसा दिया। आप शांत रहें।

रिश्तेदार: हां, हम शांत हैं और कुछ नहीं कर रहे।

अशोक का मामा: सीबीआइ किसी को मारती नहीं है। अशोक को भी कभी नहीं मारा गया। मीडिया हमारे फेवर में है। अब मेरा ध्यान स्कूल के स्टॉफ पर है। मैं इस मामले को अलग-अलग चैनल में ले जाऊंगा।

रिश्तेदार: हां, अशोक सच जानता है।

तीसरा ऑडियोः- 

रिश्तेदार: आशोक कब बाहर आ रहा है?

अशोक का मामा: उसे बाहर आने दो, फिर मैं तुम्हारे साइड हो जाऊंगा। जल्दबाजी में मत रहो, एक और लड़के का नाम सामने आएगा, स्कूल का रोल भी सामने आने वाला है।

रिश्तेदार: दूसरा लड़का कौन है? हम कब मिल सकते हैं।

अशोक का मामा: मुझसे मिलने की जरूरत नहीं, मैं मीडिया से घिरा हुआ हूं।

रिश्तेदार: ठीक है, जैसा आप कहें।

अशोक का मामा: सभी बच्चे फंसाए जा रहे हैं।

रिश्तेदार: हां, पहले अशोक और अब ये लड़का।

वहीं, हेल्पर अशोक के वकील अनिल शर्मा का कहना है कि अशोक को प्रताड़ित कर जबरन जुर्म कुबूल करने को मजबूर किया गया था। सीबीआइ ने भी कहा है कि वारदात में अशोक नहीं था। आज अदालत ने फैसला सुना दिया।

उधर, अशोक के पिता अमीचंद ने बताया कि शुक्र है कि सीबीआइ ने सबकुछ साफ कर दिया। बेटे को फंसाने वाले पुलिस अधिकारियों व स्कूल प्रबंधन के खिलाफ अगला कदम गांव की पंचायत से राय लेकर उठाएंगे।


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