CM केजरीवाल ने पूरी दिल्ली पुलिस को नहीं बोला था 'ठुल्ला': कोर्ट
दिल्ली पुलिस को ठुल्ला कहे जाने के मामले की सुनवाई करते हुए सोमवार को साकेत कोर्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ठुल्ला शब्द का इस्तेमाल पूरी दिल्ली पुलिस या फिर व्यक्तिगत तौर पर शिकायतकर्ता के खिलाफ नहींं किया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली पुलिस को ठुल्ला कहे जाने के मामले की सुनवाई करते हुए सोमवार को साकेत कोर्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ठुल्ला शब्द का इस्तेमाल पूरी दिल्ली पुलिस या फिर व्यक्तिगत तौर पर शिकायतकर्ता के खिलाफ नहींं किया था। उनका इशारा पुलिस मेंं कार्यरत उन लोगोंं की तरफ था जो अपने काम को ईमानदारी से करने के बजाए रेहड़ी वालोंं से वसूली मेंं जुटे रहते हैं। अदालत ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल को समन भेजने के लिए ये साक्ष्य पुख्ता नहींं माना जा सकता।
गोविंदपुरी थाने मेंं तैनात कांस्टेबल हरविंदर ने यह याचिका 22 जुलाई 2015 को दायर की थी। उसने कहा था कि एक चैनल को दिए साक्षात्कार मे मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस के लिए ठुल्ला शब्द का इस्तेमाल किया था। जिससे परिवार व समाज में उसकी छवि धूमिल हुई और दिल्ली पुलिस का भी मनोबल टूटा।
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कांस्टेबल के वकील ने अदालत से कहा कि ठुल्ला जैसा अपमानजनक शब्द इस्तेमाल करना ये दर्शाता है कि दिल्ली पुलिस आलसी और कामचोर है। उन्होंंने अदालत से अपील की कि मुख्यमंत्री को सेक्शन 500 (मानहानि) व 504 (शांति मेंं खलल डालने की नीयत से अपमानित करना) के तहत समन भेजा जाए।
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मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने अपने फैसले मेंं कहा कि हरविंदर अगर चाहते हैंं कि मुख्यमंत्री को मानहानि के मामले मेंं समन भेजा जाए तो उन्हेंं यह साबित करना होगा कि कैसे केजरीवाल के बयान से दिल्ली पुलिस अपमानित हुई।
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अदालत ने कहा कि कानूनी तौर पर किसी मामले की व्याख्या करते समय पूरे भाव को लिया जाता है, न कि एक शब्द को। इस मामले मेंं अदालत के रुख से केजरीवाल को काफी राहत मिली है, जबकि एक दूसरे मामले मेंं उन्हेंं मुश्किलोंं से दो-चार होना पड़ सकता है। लाजपत नगर थाने के एक कांस्टेबल की शिकायत पर दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री को 14 जुलाई के लिए समन भेजा है। उस मामले मे अदालत ने केजरीवाल को प्रथम दृष्टया मानहानि का दोषी माना है।