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सावधान! फेक न्यूज फैलाने वालों पर सीईओ कंट्रोल रूम की पैनी नजर, कुछ भी शेयर करने वाले जरूर पढ़ लें खबर

लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। तारीखों के एलान के साथ चुनाव आयोग एक्टिव हो गया है। अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए तमाम पार्टियां नेता और उनके समर्थक अक्सर फेक न्यूज फैलाते हुए पाए जाते हैं। अब इलेक्शन कमीशन इसे लेकर सख्त हो गया है। चुनाव आयोग कार्यालय का कंट्रोल रूम इस तरह की फेक न्यूज पर पैनी नजर रख रहा है।

By Raman Shukla Edited By: Mohit Tripathi Published: Wed, 20 Mar 2024 07:59 PM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2024 07:59 PM (IST)
सावधान! फेक न्यूज फैलाने वालों पर सीईओ कट्रोल रूम की पैनी नजर। (सांकेतिक फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव घोषणा के साथ ही दलों के अंदर एवं नेताओं के समर्थकों के बीच तैयारियां जोर-शोर जारी हैं। टिकट बंटवारा नहीं होने के बावजूद भावी लड़कों के समर्थकों के बीच चुनावी वातावरण बनाने के लिए इंटरनेट मीडिया प्रयोग चरम पर है। वहीं, सीईओ (मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय) ने चुनाव प्रक्रिया की दिशा को पूरी तरह से बदल दिया है।

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एक तरफ चुनाव आयोग इंटरनेट मीडिया का सहारा लेकर अपने नए नवाचारों से मतदाताओं को जोड़ने के लिए बड़े स्तर पर मतदाता जागरुकता पर आधारित अभियान एवं गतिविधियों को चला रहा है, तो दूसरी ओर फेक न्यूज एवं अफवाहों पर नियंत्रण के लिए पैनी नजर रखी जा रही है।

जिला स्तर पर इस टीम में मीडिया नोडल पदाधिकारी के तौर पर जनसंपर्क विभाग के पदाधिकारी, एनआइसी, आइटी प्रबंधक, पुलिस अधिकारी व सहायक निर्वाची पदाधिकारियों को सम्मिलित किया गया है।

फेक न्यूज का खतरा एवं उसका नियंत्रण

आयोग का अनुभव रहा है कि चुनावों के दौरान इंटरनेट मीडिया के माध्यम से फैलने वाली भ्रामक समाचार एवं अफवाह एक बड़ी समस्या के रुप में सामने आती है।

ऐसे में भ्रामक जानकारी को रोकने के लिए, सीईओ कार्यालय में एक इंटरने मीडिया सेल को गठित किया है, जो सर्च इंजन ऑप्टेमाइजेशन तकनीक का प्रयोग करके भ्रामक खबरों एवं अफवाहों पर नजर रख रहा है।

इसके लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से भी मदद ली जा रही है। इसके लिए इंटरनेट मीडिया एक्सपर्ट कर्मियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। इस टीम का काम चुनाव प्रक्रिया के दौरान फेक न्यूज की पहचान करना एवं उसकी रिपोर्ट करना है।

फेक न्यूज और अफवाहों का तुंरत होगा खंडन

सीईओ कार्यालय का इंटरनेट मीडिया सेल वेब पोर्टल पर प्रसारित होने वाली किसी भी अफवाह या फेक न्यूज के बारे में जानकारी मिलते ही तत्काल एक्शन ले रहा है।

जांच कर सही तथ्यों को सबसे पहले विभाग के सभी इंटरनेट मीडिया हैंडल्स में लगाया जा रहा है। यदि मामला गंभीर प्रमाणित होता है तो प्रशासनिक स्तर पर जांच कर कार्रवाई की जा रही है।

इस संबंध में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं। जिला स्तरीय टीमों को भारत निर्वाचन आयोग की एसओपी के तहत आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया गया है।

मतदाता जागरूकता में हम भूमिका

चुनाव आयोग के इंटरनेट मीडिया पेजों पर जारी मतदाता जागरूकता अभियान ने लोगों को सही जानकारी प्राप्त करने में मदद की है। यहां उपायों की जानकारी दी जा रही है ताकि वे निर्वाचन प्रक्रिया की सही जानकारी को प्राप्त कर सकें।

इसमें पंजीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल की जानकारी, मतदाता हेल्पलाइन 1950, डिजीटल वोटर कार्ड, विभिन्न जिलों में चलाई जा रही स्वीप गतिविधियां, युवा निर्वाचकों को जोड़ने के लिए प्रांरभ किया गया “मेरा पहला वोट, देश के लिए” अभियान, विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में चलाए जा रहे निर्वाचन साक्षरता क्लब, जीविका, आंगनबाड़ी तथा मतदान केन्द्र स्तर पर चलाई जा रही है।

मतदाता जागरुकता गतिविधियों को साझा किया जा रहा है ताकि इंटरनेट मीडिया के माध्यम से आम मतदाता इस पहल से जुड़ सकें।

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