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Bihar Politics: क्राउड फंडिंग बता रही कि कांग्रेस अभी नहीं हुई कमजोर, चुनाव से पहले मिला बड़ा संकेत; बिहार में ये है स्थिति

Bihar Political News कांग्रेस आज भी देश में कमजोर नहीं हुई है। पार्टी को अब तक लगभग 24 करोड़ रुपये का चंदा मिल चुका है। इन दानदाताओं में बिहार की हिस्सेदारी लगभग चार प्रतिशत की है जिनमें से 90 प्रतिशत दाता छोटी-छोटी रकम देने वाले हैं। इससे यह साबित होता है कि उत्तरी और पश्चिमी राज्यों में आज भी कांग्रेस की साख कमजोर नहीं हुई।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Published: Thu, 14 Mar 2024 11:30 AM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2024 11:30 AM (IST)
कांग्रेस को मिले 24 करोड़ में बिहार के दाता चार प्रतिशत

विकाश चन्द्र पाण्डेय, राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News In Hindi जिस कांग्रेस (Congress) को आज दक्षिण के कोने में सिकुड़ा हुआ बताया जा रहा, वह उत्तरी और पश्चिमी राज्यों में भी उतनी दुर्बल नहीं हुई। क्राउड फंडिंग के उसके अभियान से इसकी सहज प्रतीति होती है।

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राशि और दानदाताओं की संख्या के आधार पर जिन सात राज्यों ने कांग्रेस का सर्वाधिक साथ दिया है, वे लोकसभा के 249 संसदीय क्षेत्रों को समेटे हुए हैं। उनमें से मात्र सात पर अभी कांग्रेस का कब्जा है, जबकि 169 सीटों पर पिछली बार भाजपा विजयी रही थी। 24 सीटें उसके सहयोगी दलों को मिली थीं।

पिछले दो चुनावों में पराजय के बाद कांग्रेस की आय भी कम हुई है और इस बार संसदीय चुनाव में खर्च अपेक्षाकृत अधिक ही होना है। इसका समाधान चंदा के रूप में निकाला गया। इससे जनाधार के आकलन के साथ पार्टी-जनों की सक्रियता का भी सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

प्राप्ति को परिणाम माने तो कांग्रेस इस परिक्षेत्र से आशा रख सकती है। उसकी झोली में अब तक लगभग 24 करोड़ रुपये आ चुके हैं। इन दानदाताओं में बिहार की हिस्सेदारी लगभग चार प्रतिशत की है, जिनमें से 90 प्रतिशत दाता छोटी-छोटी रकम देने वाले हैं।

तेलंगाना के साथ कांग्रेस को सर्वाधिक चंदा

जिन राज्यों (राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र) से मिला है, वहां से उसके मात्र पांच सांसद हैं। उन पांचों राज्यों के कुल 129 संसदीय क्षेत्रों में से 90 पर पिछली बार अकेले भाजपा विजयी रही थी।

इनके साथ 120 संसदीय क्षेत्रों वाले उत्तर प्रदेश और बिहार का उल्लेख इसलिए आवश्यक है, क्योंकि इन दोनों राज्यों से दान देने वालों की संख्या संयुक्त रूप से लगभग 13 प्रतिशत रही है। ऐसा तब जबकि पिछली बार कांग्रेस को दोनों राज्यों की मात्र दो सीटों (उत्तर प्रदेश में रायबरेली और बिहार में किशनगंज) से संतोष करना पड़ा था।

इन सात राज्यों में से आज एकमात्र तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है। बाकी चार (उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश) भाजपा शासित हैं और दो (महाराष्ट्र और बिहार) में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सत्तारूढ़ है।

डोनेट फॉर देश नामक अभियान की शुरुआत

पार्टी के स्थापना दिवस पर ऑनलाइन चंदा का उपाय सूझा था और बाद में इसमें भारत जोड़ो न्याय यात्रा का संदर्भ भी जुड़ गया। पिछले वर्ष 16 दिसंबर को डोनेट फॉर देश नामक अभियान की शुरुआत हुई और उसके बाद 20 फरवरी, 2024 को डोनेट फार न्याय के तहत चंदा लिया जा रहा।

चुनावी बांड (इलेक्टोरल बांड) पर थूका-फजीहत के बीच राहुल गांधी तो इसे जनता का बांड तक बता चुके हैं। इन दोनों अभियानों में बिहार से मोटी राशि भले ही नहीं मिली हो, लेकिन चंदा देने वालों की संख्या उत्साहित करने वाली है। महत्वपूर्ण यह कि इनमें छोटी राशि देने वाले अधिक हैं। उनकी संख्या से 35 हजार से अधिक है।

पैसा बटोरने में युवा इकाई सबसे आगे रही

वे जमीनी कार्यकर्ता के साथ पार्टी के लिए प्रतिबद्ध मतदाता माने जा रहे। इस संख्या को रणनीतिकार चुनावी संभावना से भी अधिक संगठन के लिए सुखद संकेत मान रहे।

राशि संग्रहण में पार्टी की युवा इकाई सबसे आगे रही है। उसके बाद प्रोफेशनल्स कांग्रेस और अल्पसंख्यक विभाग का योगदान है। महिला कांग्रेस और ओबीसी विभाग क्रमश: चौथे और पांचवें स्थान पर हैं।

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