'लड़ो या मरो', टॉमी रॉबिन्सन की रैली को मिला मस्क का समर्थन; प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को मारे लात-घूंसे
लंदन में टॉमी रॉबिन्सन के आह्वान पर भारी विरोध प्रदर्शन हुआ जिसमें लगभग 1.5 लाख लोग शामिल हुए। यूनाइट द किंगडम के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन में एलन मस्क ने वीडियो लिंक के माध्यम से भाग लिया और भीड़ को संबोधित किया। उन्होंने वामपंथियों पर हिंसा का जश्न मनाने का आरोप लगाया। इस बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं जिसमें कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शनिवार को ब्रिटेन की राजधानी लंदन में टॉमी रॉबिन्सन की अपील पर लाखों की संख्या में लोग एकत्रित हुए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में करीब 1.50 लाख लोग से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।
दरअसल, टॉमी रॉबिन्सन ने यूनाइट द किंगडम के बैनर तले लोगों को से अपील की और लंदन की सड़कों पर विरोध जताया। इस कार्यक्रम में यूरोप और उत्तरी अमेरिका के दक्षिणपंथी लोगों से जुड़ी हस्तियों ने भाषण दिए। अब इन हस्तियों में एक्स के मालिक एलन मस्क का नाम भी शामिल हो गया है। वह भी इस कार्यक्रम में वीडियो लिंक के जरिए शामिल हुए।
एलन मस्क ने क्या कहा?
एलन मस्क ने वहां पर मौजूद भीड़ से कहा कि आप यहां एक गंभीर स्थिति में हैं। उन्होंने दावा किया कि वामपंथी हत्या और हत्या का जश्न मनाने वाली पार्टी है। मस्क ने कहा कि आप हिंसा चुनें या न चुनें, हिंसा आपके पास आ ही रही है। या तो आप जवाबी कार्रवाई करें या मर जाएं।
— Elon Musk (@elonmusk) September 14, 2025
इस नेता ने की मस्क की निंदा
वहीं, ब्रिटेन के मध्यमार्गी लिबरल डेमोक्रेट्स के नेता एड डेवी ने सोशल मीडिया पर एलन मस्क और वहां पर हुई हिंसक घटनाएं की आलोचना की है। उन्होंने आगे कहा कि ये अति-दक्षिणपंथी गुंडे ब्रिटेन की बात नहीं करते।
पुलिस ने हुई प्रदर्शनकारियों की झड़प
वहीं, इस मार्च को लेकर पुलिस ने बताया कि रैली के बाहरी इलाकों में कई घंटों तक तनावपूर्ण माहौल के दौरान भीड़ को नियंत्रण करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और विरोध कर रहे लोगों के बीच झड़प भी हुई। इस कारण 26 अधिकारी घायल हो गए, जिनमें से चार गंभीर रूप से घायल हैं। रैली के दौरान, भीड़ में से कई अंग्रेजी और ब्रिटिश झंडों में लिपटे हुए थे।
अधिकारियों को मारे गए लात घूसे
इस प्रदर्शन को लेकर मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि यूनाइट द किंगडम रैली के दौरान कई पुलिस अधिकारियों को घूंसे, लातें और लोगों द्वारा फेंकी गई बोतलों से मारा गया। ड्यूटी पर तैनात 1,000 से ज़्यादा पुलिस अधिकारियों की सहायता के लिए हेलमेट और दंगारोधी ढालों के साथ अतिरिक्त बल तैनात किया गया था।
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