क्रिकेट मैच में पाकिस्तान की हार के बाद भारतीयों के खिलाफ भड़की थी हिंसा, लीसेस्टर में अब तक 47 गिरफ्तार
इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पुलिस के सामने एक व्यक्ति मंदिर पर लगे झंडे को तोड़ रहा है। कुल लोग कांच की बोतलें भी फेंक रहे हैं। अन्य स्त्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार यह वीडियो 17 सितंबर का है।
लंदन, एजेंसी। इंग्लैंड के पूर्वी शहर लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा के बाद से तनाव की स्थित बनी हुई है। हिंदू और मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने साझा बयान जारी कर सभी लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। पुलिस ने प्रभावित इलाकों में गश्त तेज कर दी है। पिछले महीने दुबई में हुए क्रिकेट मैच में भारत के हाथों पाकिस्तान की हार के बाद शुरू हुई हिंसा के मामलों में अब तक 47 लोगों की गिरफ्तारी हुई है और एक को सजा भी सुनाई गई है।
शांति और सौहार्द के लिए साझा अपील
लीसेस्टर में एक मस्जिद के सामने जमा हुए दोनों समुदायों के लोगों के समक्ष इस्कान मंदिर के प्रमुख प्रद्युमन दास ने संयुक्त बयान पढ़ा, जिसमें साप्ताहांत हुई हिंसा पर गहरा दुख जताया गया है। समुदाय के नेताओं ने 'नफरत फैलाने' वालों से लीसेस्टर को अकेला छोड़ने और हिंसा व भड़काऊ बयानबाजी को तत्काल रोकने का आह्वान किया है।
बयान में कहा गया है, 'हमारे बीच वैमनस्य पैदा करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए हमारा संदेश स्पष्ट है, हम आपको सफल नहीं होने देंगे। हम सभी से धार्मिक स्थानों की पवित्रता का सम्मान करने की अपील करते हैं। मंदिर और मस्जिद दोनों के खिलाफ हमले या उनका अपमान स्वीकार्य नहीं है। हमारे धर्मों द्वारा भी इसका समर्थन नहीं किया जाता है।'
भारतीय उच्चायोग ने हमले की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ की थी तत्काल कार्रवाई की मांग
लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोमवार को बयान जारी कर घटना की कड़े शब्दों में निंदा की थी। उच्चायोग ने कहा था, 'हम लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा और हिंदू धार्मिक परिसरों और प्रतीकों की तोड़फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं। हमने ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ इल मामले को पुरजोर तरीके से उठाया है और इन हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। हमने अधिकारियों से प्रभावित लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का भी आह्वान किया है।'
एक दोषी को 10 महीने कैद की सजा
लीसेस्टरशायर पुलिस ने मंगलवार को कहा कि दोबारा इस तरह की घटनाएं न हो, इसके लिए प्रभावित इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है। हिंसक झड़प के दौरान हथियार रखने के मामले में दोषी पाए जाने के बाद 20 वर्षीय अमोस नोरोन्हा को 10 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। स्थानीय निवासी नोरोन्हा को शनिवार को घटनास्थल से ही गिरफ्तार किया गया था। उसे लीसेस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया और पर्याप्त सुबूत के आधार पर उसे तुरंत सजा सुनाई गई।
पुलिस ने सुरक्षा का भरोसा दिया
लीसेस्टरशायर पुलिस के टेंपररी चीफ कांस्टेबल राब निक्सन ने कहा कि हम अपने शहर में यह उपद्रव बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रभावित इलाके में पुलिस बल तैनात है और सूचनाओं व रिपोर्ट पर कार्रवाई की जा रही है। लोगों को उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है। निक्सन ने कहा कि सजा से साफ है कि गंभीर अपराध हुआ था और अब उसे जेल में रहना होगा। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए 47 लोगों में कुछ बर्मिंघन और दूसरे शहरों के भी हैं।
मंदिर पर हमले का वीडियो वायरल
इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पुलिस के सामने एक व्यक्ति मंदिर पर लगे झंडे को तोड़ रहा है। कुल लोग कांच की बोतलें भी फेंक रहे हैं। अन्य स्त्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार यह वीडियो 17 सितंबर का है, जब हिंदू समुदाय के लोग हिंसा के खिलाफ रैली निकाल रहे थे। उसी दौरान मुस्लिम समुदाय की भीड़ ने हिंदुओं पर हमला कर दिया था। वैसे हिंदुओं के खिलाफ हमले की शुरुआत चार सितंबर से ही शुरू हो गई थी।
हिंदुओं के खिलाफ भ्रामक खबरें फैलाई जा रहीं
मीडिया रिपोर्ट के इंटरमेट मीडिया पर हिंदुओं के खिलाफ भ्रामक खबरे फैलाई जा रही हैं और मुस्लिमों को ही पीडि़त बताया जा रहा है। झूठी खबरें फैलाने वालों में गार्जियन की पत्रकार आइना खान का नाम प्रमुख है। लीसेस्टर में ही रहने वाला मुस्लिम कार्यकर्ता माजिद फ्रीमैन भी इंटरनेट मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट और झूठी खबरों के जरिये मुस्लिमों को भड़का रहा है।
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