रूस-यूक्रेन युद्ध पर लंदन में होनी थी मीटिंग, लेकिन नहीं पहुंचे ट्रंप के मंत्री; क्या पीछे हट गया अमेरिका?
यूक्रेन को नाटो की सदस्यता न देने की घोषणा के बाद अमेरिका रूस के इस रुख पर भी नरम रुख अपना रहा है। अमेरिका क्रीमिया पर रूस के कब्जे को भी मान्यता देने की बात कह रहा है। यूक्रेन का हिस्सा रहे क्रीमिया पर रूस ने 2014 पर कब्जा कर लिया था।

रॉयटर्स, लंदन। यूक्रेन में युद्धविराम के सिलसिले में ब्रिटेन की राजधानी लंदन में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो के न आने से आखिरी समय रद हो गई। इस बैठक में रूबियो को ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और यूक्रेन के विदेश मंत्रियों के साथ वार्ता करनी थी।
बाद में लंदन में निचले स्तर के अधिकारियों की बैठक हुई जिसमें अमेरिकी दूत जनरल कीथ केलोग शामिल हुए। इस बीच यूक्रेन में कर्मचारियों को ले जा रही बस पर रूस के ड्रोन हमले में नौ लोग मारे गए हैं और 40 घायल हुए हैं।
यूक्रेन में बस पर हुआ हमला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन युद्ध में शामिल पक्ष युद्धविराम के प्रति गंभीर नहीं दिखे तो अमेरिका शांति के लिए प्रयास बंद कर देगा। ट्रंप ने यह चेतावनी दोनों पक्षों के एक-दूसरे पर जारी हमलों के बाद रविवार को दी थी।
यूक्रेन में बस पर हुआ ताजा हमला भी युद्धविराम के प्रति अनिच्छा को प्रदर्शित करने वाला है। सूत्रों के अनुसार रूस की जीते हुए इलाकों को वापस न करने की घोषणा शांति प्रक्रिया की राह में सबसे बड़ी बाधा बन रही है।
अमेरिका यूक्रेन और उसके सहयोगियों से जमीनी वास्तविकता को स्वीकार करने के लिए कह रहा है जबकि यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगी इससे हिचक रहे हैं और शांति के लिए दोनों पक्षों में वार्ता शुरू नहीं हो रही है।
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