ब्रिटेन में भारतीय मतदाताओं का समीकरण बदला, लेबर-कंजरवेटिव दोनों को नुकसान
ब्रिटेन में 'ब्रिटिश भारत जनगणना 2025' की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश भारतीय मतदाता अब लेबर और कंजरवेटिव के स्थायी समर्थक नहीं रहे। भारतीय प्रवासी समुद ...और पढ़ें

ब्रिटेन में भारतीय मतदाताओं का समीकरण बदला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इसी सप्ताह जारी हुई 'ब्रिटिश भारत जनगणना 2025' की रिपोर्ट ब्रिटेन की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है। रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश भारतीय मतदाता अब लेबर और कंजरवेटिव जैसे पारंपरिक दलों के स्थायी समर्थक नहीं रहे।
भारतीय प्रवासी समुदाय आप्रवासन विरोधी सुधार के लिए समर्थन दे रहा है। ब्रिटिश भारतीयों के बीच धुर दक्षिणपंथी रिफार्म यूके और धुर वामपंथी ग्रीन पार्टी का समर्थन बढ़ रहा है। यह परिवर्तन आने वाले चुनावों, नीति-निर्माण और भारत-ब्रिटेन संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
ब्रिटेन के 1928 इंस्टीट्यूट थिंक टैंक ने यह अध्ययन लंदन में जारी किया। इसके अनुसार, भारतीय मूल के मतदाताओं में सुधार के लिए समर्थन पिछले वर्ष में तीन गुना बढ़कर 13 प्रतिशत हो गया है, जो युवाओं के बीच ग्रीन पार्टी को मिल रहे समर्थन के बराबर है।
लेबर पार्टी अब भी 35 प्रतिशत समर्थन के साथ सबसे आगे है, लेकिन इसमें 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। कंजरवेटिव पार्टी को 2019 से अब तक 12 प्रतिशत का नुकसान हुआ है, जबकि लिबरल डेमोक्रेट्स 9 प्रतिशत पर स्थिर हैं।
1928 इंस्टीट्यूट की सह-अध्यक्ष किरन कौर मानकू ने कहा कि राजनीतिक दल अब ब्रिटिश भारतीयों को स्वाभाविक वोट बैंक न समझें, क्योंकि समुदाय अब नीतिगत प्रदर्शन और ठोस परिणामों को प्राथमिकता देता है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।