भारतवंशियों के इलाके को ब्रिटिश सांसद ने बताया झुग्गी-बस्ती, बवाल के बाद माफी मांगने की उठी मांग
ब्रिटेन के सांसद राबर्ट जेनरिक ने बर्मिंघम के हैंड्सवर्थ स्थित सोहो रोड को झुग्गी बस्ती बताकर विवाद खड़ा कर दिया है, जहाँ भारतीय और पाकिस्तानी मूल के लोग रहते हैं। उनकी टिप्पणी की व्यापक निंदा हो रही है, और इसे विभाजनकारी और नस्ली बताया जा रहा है। स्थानीय लोगों और नेताओं ने भी इस बयान पर नाराजगी जताई है और माफी की मांग की है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। टोरी के एक वरिष्ठ सांसद राबर्ट जेनरिक ने बर्मिंघम के हैंड्सवर्थ स्थित सोहो रोड को स्लम (झुग्गी बस्ती) करार दिया। यहां बड़ी संख्या में भारतीय और पाकिस्तानी मूल के लोग रहते हैं। उन्होंने कहा कि यह अब तक देखी गई सबसे खराब जगहों में से एक है। उनके इस बयान ने व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है।
उनकी इस टिप्पणी की सांसद अयूब खान और मेयर रिचर्ड पार्कर ने तीखी आलोचना की और इसे विभाजनकारी और नस्ली रूप से प्रभावित करने वाला बताया। स्थानीय लोगों ने भी जेनरिक की टिप्पणी की निंदा की और क्षेत्र को जीवंत और विविधतापूर्ण बताया।
शेडो जस्टिस सेक्रेटरी राबर्ट जेनरिक ने दिया था विवादित बयान
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, शेडो जस्टिस सेक्रेटरी राबर्ट जेनरिक ने मार्च में कंजर्वेटिव एसोसिएशन के एक रात्रिभोज के दौरान यह विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने कूड़ा उठाने वाले श्रमिकों की हड़ताल के दौरान जीबी न्यूज के एक अंश की शूटिंग के लिए उस क्षेत्र में 90 मिनट बिताए थे। जेनरिक ने दर्शकों से कहा था कि मैं बर्मिंघम के हैंड्सवर्थ गया था। यह बिल्कुल भयावह था। मैं इस देश की झुग्गी बस्ती के इतने करीब पहुंच गया। डेढ़ घंटे तक वहां मैंने एक भी श्वेत चेहरा नहीं देखा। मैं ऐसे देश में नहीं रहना चाहता।'
हैंड्सवर्थ के लोगों ने जताया विरोध
सांसद की टिप्पणियों पर स्थानीय निवासियों, व्यापारियों और नेताओं ने गुस्सा जाहिर किया है। बर्मिंघम सिटी काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, हैंड्सवर्थ की केवल 8.7 प्रतिशत आबादी श्वेत है। निर्दलीय सांसद अयूब खान ने टिप्पणियों को घृणित बताया और कहा कि इन टिप्पणियों में नस्लवाद की झलक है। बिशप डेसमंड जद्दू जैसे समुदाय के लोगों ने जेनरिक के बयानों को विभाजनकारी बताते हुए उनसे माफी मांगने की मांग की।
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