Julian Assange Extradition: जूलियन असांजे को अमेरिका के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ, ब्रिटेन की गृह मंत्री ने किया हस्ताक्षर
इराक और अफगानिस्तान युध्द के गोपनीय दस्तावेजों को दुनिया के सामने लाने वाले विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को शुक्रवार को अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने का आदेश दे दिया गया। यूके की गृह मंत्री प्रीति पटेल के हस्ताक्षर के बाद इस काम को अंजाम दिया गया।
लंदन, पीटीआइ। विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने के लिए ब्रिटेन की मंत्री प्रीति पटेल ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी। असांजे पर आरोप है कि उन्होंने इराक और अफगानिस्तान युध्द से संबंधित दस्तावेजों को दुनिया के सामने लाने का काम किया था।
यूके गृह मंत्री प्रीति पटेल ने आस्ट्रेलिया के असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पण किए जाने के लिए हस्ताक्षर किर दिया है। दरअसल असांजे लम्बे समय से ब्रिटेन की जेल में बंद हैं। पटेल के हस्ताक्षर के बाद कई चरणों में उच्चत्तम न्यायालय तक याचिका लगाई गई। ऐसा कहा जा रहा है कि अब असांजे की कानूनी टीम भी एक याचिका लगा सकती है।
यूके गृह मंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि 17 जून को ही असांजे को मजिस्ट्रेट, अदालत और उच्च न्यायालय के फैसले के बाद अमेरिका प्रत्यर्पण का आदेश दिया गया था। इसके बावजूद असांजे के पास 14 दिन का अपील करने का अधिकार है।
यूके गृह मंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि प्रत्यर्पण अधिनियम 2003 के मुताबिक आदेश पर हस्ताक्षर राज्य के सचिव को ही करना चाहिए। चूकि न्यायालय के द्वारा सभी पहलुओं की समीक्षा के बाद यह आदेश गृह मंत्री के पास जाता है, इसलिए इसे रोके जाने का कोई आधार नहीं है।
इस पूरे मामले में यूके की अदालत ने इस बात की पूरी जांच की कि असांजे के प्रत्यर्पण किए जाने से उनके खिलाफ कोई दमन या अन्याय नहीं होगा। साथ ही न्यायालय ने इस बात की भी पुष्टि की कि प्रत्यर्पण के चलते उनके मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का भी हनन नहीं होगा। न्यायालय ने कहा कि हम आश्वस्त करते हैं कि असांजे के स्वास्थ्य को लेकर भी अमेरिका में उचित बर्ताव किया जाएगा। वहीं असांजे बराबर कहते रहें हैं कि उन्होंने कोई भी गलत काम नहीं किया है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि असांजे को अब जल्द ही अमेरिका प्रत्यर्पित किया जा सकता है।
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