अध्ययन: बिना किसी साइडइफेक्ट के डिप्रेशन का इलाज करती है नई केटामाइन गोली, नए शोध में हुआ खुलासा
एक अध्ययन में पता चला है कि नई केटामाइन गोली मानसिक अवस्था पर प्रभाव के बिना अवसाद (डिप्रेशन) का इलाज कर सकती है। इस दवा को पहली बार 1960 के दशक में एक चतनाशून्य करनेवाली औषधि (बेहोश करने वाली दवा) के रूप में विकसित किया गया था। जब पारंपरिक अवसादरोधी दवाएं और थेरेपी विफल हो गई तब केटामाइन ने अवसाद के इलाज में काफी अहम भूमिका निभाई है।

एएफपी, पेरिस। अवसाद या डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है जिससे हर कोई कभी न कभी गुजरता है। किसी किसी के लिए डिप्रेशन इतना खतरनाक हो जाता है कि व्यक्ति आत्महत्या तक कर लेता है। लेकिन डिप्रेशन को कहीं हद तक रोकने में केटामाइन गोली ने काफी बड़ी भूमिका निभाई है। केटामाइन ने गंभीर अवसाद से पीड़ित कई लोगों काफी तेजी से राहत दी है।
नई केटामाइन गोली डिप्रेशन का कर सकती है इलाज
वहीं एक अध्ययन में पता चला है कि नई केटामाइन गोली मानसिक अवस्था पर प्रभाव के बिना अवसाद (डिप्रेशन) का इलाज कर सकती है। इस दवा को पहली बार 1960 के दशक में एक चतनाशून्य करनेवाली औषधि (बेहोश करने वाली दवा) के रूप में विकसित किया गया था। केटामाइन मतिभ्रम और विघटनकारी प्रभावों के कारण यह स्पेशल के नामक ड्रग बन गया।
जब पारंपरिक अवसादरोधी दवाएं और थेरेपी विफल हो गई तब केटामाइन ने अवसाद के इलाज में काफी अहम भूमिका निभाई है। कई देशों में, केटामाइन को वर्षों से अवसाद के इलाज के लिए जरूरी कर दिया है। बढ़ते शोध से पता चला है कि केटामाइन अवसाद से पीड़ित लगभग एक चौथाई लोगों के लिए प्रभावी है, जिन्हें सामान्य अवसादरोधी दवाओं से बहुत कम लाभ होता है।
अमेरिकी अरबपति एलोन मस्क ने मार्च में सीएनएन को बताया था कि वह नियमित रूप से निर्धारित केटामाइन की थोड़ी मात्रा का उपयोग करते हैं क्योंकि यह मन के नकारात्मक फ्रेम से बाहर निकलने में सहायक है।
केटामाइन लेने से कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा
न्यूजीलैंड के ओटागो विश्वविद्यालय के शोधकर्ता ने कहा कि केटामाइन की गालियां लेने के बाद मरीजों में किसी भी तरह का साइड इफेक्ट नहीं देखा गया। चरण 2 के परीक्षण में अवसाद से पीड़ित 270 से अधिक लोग शामिल थे जिन्होंने पहले औसतन चार अलग-अलग अवसाद-रोधी दवाओं का प्रयास किया था।
अध्ययन में कहा गया है कि केटामाइन गोली लेने वाले आधे से अधिक लोगों का अवसाद ठीक हो गया, जबकि प्लेसीबो समूह के 70 प्रतिशत लोग 13 सप्ताह के बाद दोबारा अवसादग्रस्त हो गए। अध्ययन में कहा गया है कि केटामाइन गोली लेने वाले आधे से अधिक लोगों का अवसाद ठीक हो गया, जबकि प्लेसीबो समूह के 70 प्रतिशत लोग 13 सप्ताह के बाद दोबारा अवसादग्रस्त हो गए।
ऑस्ट्रेलिया के चार्ल्स स्टर्ट विश्वविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य और व्यसन के विशेषज्ञ जुलेन एलन ने इस बात पर जोर देते हुए इस परीक्षण की प्रशंसा की कि और अधिक शोध की आवश्यकता है। उन्होंने एएफपी को बताया कि केटामाइन हर किसी के लिए काम नहीं करता है, और समय के साथ सकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं।
केटामाइन मरीजों को इलेक्ट्रो-शॉक थेरेपी से बचा सकती है
जिनेवा यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स के मनोचिकित्सक मिशेल हॉफमैन ने कहा कि अवसाद के इलाज के लिए केटामाइन की क्षमता काफी ठीक है। उन्होंने एएफपी को बताया कि जिन मरीजों पर पारंपरिक दवाओं का असर नहीं होता, उनके लिए केटामाइन मरीजों को इलेक्ट्रो-शॉक थेरेपी से बचने का एक तरीका प्रदान करता है।
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