मानव जीनोम डिकोड करने वाले वैज्ञानिक जॉन सल्सटन नहीं रहे
75 वर्ष के नोबेल पुरस्कार विजेता ब्रिटेन के वैज्ञानिक जॉन सल्सटन का निधन।
लंदन (एपी)। नोबेल पुरस्कार विजेता ब्रिटेन के वैज्ञानिक जॉन सल्सटन का निधन हो गया है। उन्होंने मानव जीनोम को डिकोड करने में सहायता की थी। वह 75 साल के थे। जीनोम रीसर्च सेंटर वेलकम सैंगर इंस्टीट्यूट के उत्तराधिकारी ने शुक्रवार को जॉन सल्सटन के निधन की पुष्टि की, लेकिन यह नहीं बताया कि उनकी मौत कब हुई और उसका कारण क्या था।
वैज्ञानिक जॉन सल्सटन को जीन की आंतरिक संरचना को नियंत्रित करने के काम के लिए वर्ष 2002 में पुरस्कृत किया गया था। इसके अलावा उन्होंने वयस्क नेमाटोड वार्म सी. इलीगैंस की कोशिका को बांटने और उससे कुछ नया बनाने में कामयाबी पाई थी। उनके इंस्टीट्यूट के मुताबिक उनकी इस खोज से कैंसर कैसे विकसित होता है, पता चला था।
इंस्टीट्यूट के निदेशक माइक स्ट्रैटन ने बताया कि जॉन सल्सटन शुरू से ही जीव की उत्पत्ति के अध्ययन में रुचि लेते थे। उन्होंने 1963 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से स्नातक किया। परास्नातक शोध उन्होंने कैलिफोर्निया से किया। उसके बाद वह कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी सिडनी ब्रेनर ग्रुप में शामिल हो गए। यह ग्रुप मॉलिक्यूलर बायोलॉजी लैब में काम कर रहा था। इसी लैब में डीएनए की संरचना की पहली बार पहचान की गई थी। वर्ष 1990 में उन्होंने नेमाटोड वार्म के जीन मैप के शोध को प्रकाशित किया। 1992 में जॉन सल्सटन को कैम्ब्रिज के सैंगर सेंटर का निदेशक नियुक्त कर दिया गया। यहीं उन्होंने मानव जीनोम संरचना पर काम किया। उन्होंने मेडिसिन के लिए ब्रेनर और राबर्ट हारविट्ज के साथ नोबेल साझा किया।