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मस्तिष्क की गतिविधियों की जांच करेगा नया हेलमेट जैसा स्कैनर

ब्रिटेन के वैज्ञानिकों को खास स्कैनर बनाने में मिली सफलता। उन मरीजों की जांच में मिलेगी मदद, जिनकी वर्तमान स्कैनर से संभव नहीं है जांच।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 23 Mar 2018 12:54 PM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2018 01:14 PM (IST)
मस्तिष्क की गतिविधियों की जांच करेगा नया हेलमेट जैसा स्कैनर
मस्तिष्क की गतिविधियों की जांच करेगा नया हेलमेट जैसा स्कैनर

लंदन (प्रेट्र)। वैज्ञानिकों को पहली बार एक ऐसा ब्रेन स्कैनर बनाने में सफलता हाथ लगी है, जिसे हेलमेट की तरह पहना जा सकता है। इस स्कैनर की खासियत यह है कि मरीज के प्राकृतिक रूप से चलने-फिरने के दौरान भी उसके मस्तिष्क की गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जा सकता है।

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ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किए गए इस स्कैनर के जरिये व्यक्ति द्वारा हंसते, चाय पीते, स्ट्रेचिंग करते यहां तक कि पिंग पॉन्ग खेलते हुए भी उसके मस्तिष्क की गतिविधियों को मापा जा सकेगा।

ज्यादा बेहतर स्कैन करने में सक्षम

शोधकर्ताओं का कहना है कि मैग्नेटोएंसेफेलोग्राफी (एमईजी) प्रणाली पर यह स्कैनर न केवल बेहद हल्का है, बल्कि वर्तमान में मौजूद सभी प्रणालियों से ज्यादा बेहतर स्कैन करने में सक्षम है। इसे तैयार करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके जरिये उन मरीजों के उपचार में मदद मिल सकेगी, जो पारंपरिक एमईजी स्कैनर का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। बता दें कि छोटे बच्चे या पर्किंसन जैसी बीमारियों से ग्रसित मरीज एमईजी स्कैनर का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। ऐसे में यह नया स्कैनर उनके लिए कारगर साबित होगा।

ज्यादा संवेदनशीलता का चलेगा पता

शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि इस स्कैनर के जरिये वयस्कों की जांच में चार गुना तक अधिक संवेदनशीलता का पता चल सकेगा, जबकि बच्चों की जांच में इसके जरिये 15 से 20 फीसद तक ज्यादा संवेदनशीलता का पता लगाया जा सकेगा।

ये है खासियत

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) में मानव न्यूरोइमेजिंग के वेलकम ट्रस्ट सेंटर के गैरेथ बान्र्स के मुताबिक, हमारे द्वारा तैयार किया गया स्कैनर एक हेलमेट की तरह आसानी से सिर पर पहना जा सकता है। इसका मतलब है कि इसे पहनने पर लोगों के चलने-फिरने आदि गतिविधियों में बाधा नहीं आएगी। अब इस स्कैनर की मदद से हम उन मरीजों के मस्तिष्क की जांच कर रहे हैं, जिनकी जांच अभी तक उपलब्ध स्कैनर के जरिये करना संभव नहीं था।

इस हल्के वजन वाले स्कैनर की एक और खासियत यह है कि यह कमरे के तापमान पर काम करता है। यह स्कैनर वर्तमान में मौजूद स्कैनर की तुलना में मतिष्क के ज्यादा करीब होता है। इसके चलते यह मस्तिष्क की गतिविधियों को ज्यादा बेहतर तरीके से जांच सकता है। 


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