UK Politics: ब्रिटेन में पीएम पद के दावेदार ऋषि सुनक ने कहा, झूठे वादों के दम पर जीतने के बजाय हारना बेहतर
UK Politics ऋसि सुनक ने कहा कि लोग मेरे रिकार्ड के आधार पर मुझे आंक सकते हैं। बुधवार रात को सुनक ने फिर दोहराया कि कोविड-19 लाकडाउन के दौरान चांसलर रहते उन्होंने किस तरह लोगों की मदद की।
लंदन, एजेंसी। ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के दावेदार व पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने दो टूक कहा है कि झूठे वादों के दम पर जीतने के बजाय वे कंजरवेटिव पार्टी नेतृत्व की दौड़ हारना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक हालात को सुधारने के लिए वे हवा-हवाई योजनाएं पेश नहीं कर सकते।
बीबीसी के साथ एक साक्षात्कार में 42 वर्षीय ब्रिटिश भारतीय पूर्व चांसलर ने कहा कि वह सबसे कमजोर परिवारों को जीवन यापन के संकट में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने महसूस किया कि जरूरतमंदों की मदद करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है, वे सर्दियों में अतिरिक्त सहायता प्रदान करेंगे।
जीवन यापन के बढ़ते संकट का मुद्दा उनके और पीएम पद की प्रतिद्वंद्वी विदेश सचिव लिज ट्रस के बीच महत्वपूर्ण विभाजन रेखा बन गया है। ट्रस ने कर कटौती का वादा किया है। पूर्व वित्त मंत्री जोर देकर कहते हैं कि इससे अमीर परिवारों को फायदा होगा, न कि उन लोगों के लिए जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। 42 वर्षीय सुनक ने कहा, 'झूठे वादे पर जीतने के बजाय मैं हारना पसंद करूंगा। मैं देशभर में लोगों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।'
कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य ब्रिटेन के पीएम पद के लिए मतदान में भाग लेंगे। सदस्यों द्वारा दोनों प्रत्याशियों से पूछा जा रहा है कि बढ़ती मुद्रास्फीति की समस्या से वे कैसे निपटेंगे।
कोविड-19 लाकडाउन में सुनक ने की लोगों की मदद
सुनक ने कहा कि लोग मेरे रिकार्ड के आधार पर मुझे आंक सकते हैं। बुधवार रात को सुनक ने फिर दोहराया कि कोविड-19 लाकडाउन के दौरान चांसलर रहते उन्होंने किस तरह लोगों की मदद की। उन्होंने कहा कि जब साल की शुरुआत में बिल लगभग 1,200 पाउंड बढ़ रहे थे तो उन्होंने सुनिश्चित किया कि सबसे कमजोर लोगों को लगभग 1,200 पाउंड सहायता मिले।
सुनक ने कहा कि उन्हें पता है कि लाखों लोग मुद्रास्फीति, विशेष रूप से अपने ऊर्जा बिलों की लागत के बारे में चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे प्रधानमंत्री चुने जाते हैं तो उन परिवारों की अवश्य मदद करेंगे जिन्हें सहायता की सबसे ज्यादा जरूरत है।