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इस पाकिस्तानी लेखिका ने इमरान खान को लगाई लताड़, कहा- बस की नहीं भारत के साथ युद्ध लड़ना

पाकिस्तान की लेखिका और सैन्य मामलों की विशेषज्ञ आयशा सिद्दीका ने पाकिस्तान कश्मीर पर भारत के खिलाफ युद्ध लड़ने की स्थिति में नहीं हैं

By Manish PandeyEdited By: Published: Sun, 18 Aug 2019 08:46 PM (IST)Updated: Sun, 18 Aug 2019 10:27 PM (IST)
इस पाकिस्तानी लेखिका ने इमरान खान को लगाई लताड़, कहा- बस की नहीं भारत के साथ युद्ध लड़ना
इस पाकिस्तानी लेखिका ने इमरान खान को लगाई लताड़, कहा- बस की नहीं भारत के साथ युद्ध लड़ना

लंदन, एएनआइ। जम्मू-कश्मीर के अर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बैखलाया हुआ है। इमरान खान के मंत्री से लेकर पाकिस्तानी सेना के अधिकारी भारत को युद्ध की गिदड़भभकी दे रहे है। इन सबके बीच पाकिस्तान की लेखिका और सैन्य मामलों की विशेषज्ञ आयशा सिद्दीका ने इमरान खान और पाकिस्तानी सेना को लताड़ लगाई है।

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पाकिस्तानी लेखिका आयशा सिद्दीका ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को हटाए जाने को लेकर कहा कि पाकिस्तान और उसकी सेना कश्मीर पर भारत के खिलाफ युद्ध लड़ने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि देश की धीमी अर्थव्यवस्था और बढ़ती महंगाई ने आम आदमी के जीवन पर एक विनाशकारी प्रभाव छोड़ा है। बता दें कि आयशा 'मिलिट्री इंक (Military Inc.), इनसाइड पाकिस्तान मिलिट्री इकोनॉमी' की लेखिका हैं।

उन्होंने कहा 'मैं पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में एक दोस्त के साथ बातचीत कर रही थी। मैने उससे पूछा कि सेना क्यों नहीं लड़ रही है। तो जवाब आया कि वे हार जाएंगे। अब आम लोग समझते हैं कि यह सही समय नहीं है भारत के खिलाफ युद्ध लड़ने का।'

आयशा सिद्दीका ने कहा कि यह पहली बार है जब पाकिस्तान के आम लोगों का मनना है कि भारत के साथ युद्ध लड़ना असंभव है। लोगों के अंदर निराशा है कि कुछ भी नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले 72 सालो से पाकिस्तान की सेना कश्मीर और भारत पर ध्यान केंद्रित किए हुए है। अब यह देखने का समय है कि पाकिस्तान की सेना क्या प्रतिक्रिया देती है।

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में भी हार का स्वाद चखा है और अब वह अपने नागरिक समाज के सदस्यों को साधने के लिए काम कर रहगा है, जो कश्मीर पर सरकार की विफलता पर सवाल उठाएंगे।

आयशा ने पश्तून बहुल इलाकों में आतंकवाद को रोकने और निर्दोष राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने में इस्लामाबाद की विफलता पर भी सवाल उठाया। आयशा पाकिस्तान के लाहौर से हैं। वर्तमान में वह लंदन के SOAS विश्वविद्यालय में एक शोध सहयोगी के रूप में काम कर रही हैं।


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