लंदन बना मोबाइल चोरी का अड्डा, पुलिस की बड़ी कार्रवाई
नई दिल्ली। लंदन में मोबाइल चोरी की बढ़ती घटनाओं ने इसे वैश्विक केंद्र बना दिया है। पिछले साल 80 हजार से अधिक फोन चोरी हुए। पुलिस ने हाल ही में छापेमारी कर दो हजार चोरी के फोन बरामद किए हैं। जांच में पता चला कि एक संगठित गिरोह सेकेंड हैंड फोन की दुकानों के माध्यम से इस अपराध को अंजाम दे रहा है।

मोबाइल चोरी का वैश्विक केंद्र बना लंदन (फाइल फोटो जागरण)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तरी लंदन की एक सड़क पर पुलिस की गाड़ी आते ही सायरन बजने लगे और हैरान राहगीर रुककर देखने लगे। इतने में पुलिस अधिकारी तीन सेकेंड हैंड फोन की दुकानों में घुस गए। एक अधिकारी ने दुकानदार से पूछा- क्या आपके कैंपस में तिजोरी है, महोदय? दुकानदार अपने कंप्यूटर के पास बैठा था। उसके हाथ में आधी पी हुई चाय का कप था।
पुलिस अधिकारियों ने दो तिजोरियों की तलाशी ली। उन्हें फोन, नकदी और दस्तावेज मिले। इस छापेमारी को देखने के लिए न्यूयार्क टाइम्स को भी आमंत्रित किया गया था। पिछले महीने लंदन में इस तरह की दर्जनों छापेमारी की गई।
मोबाइल चोरी का वैश्विक केंद्र
दरअसल, पिछले कुछ वर्षों से लंदन मोबाइल चोरी का वैश्विक केंद्र बन गया है। लंदन की मेट्रोपालिटन पुलिस इस समस्या से निपटने के लिए तमाम उपाय कर रही है। हालांकि, अब काफी देर हो चुकी है। चार्ल्स डिकेंस ने अपने उपन्यास ओलिवर ट्विस्ट से लंदन की पाकेटमारी को पूरी दुनिया में मशहूर कर दिया था।
फोन छीनने में माहिर हैं चोर
ब्रिटेन की राजधानी के लिए अब अपराध का पैमाना कहीं आगे निकल गया है। नकाबपोश और ई-बाइक पर सवार बेशर्म चोर, स्थानीय लोगों और पर्यटकों से फोन छीनने में माहिर होते जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि पिछले साल शहर में 80 हजार फोन चोरी हुए। इससे लंदन को फोन चोरी के यूरोपीय राजधानी के रूप में एक अवांछनीय प्रतिष्ठा मिली है। पिछले महीने की पुलिस छापेमारी का उद्देश्य बिचौलियों के एक समूह की पहचान करना था।
पुलिस को मिले 2 हजार चोरी के फोन
पुलिस के अनुसार, यह समूह वैश्विक आपराधिक नेटवर्क का हिस्सा है और सेकेंड हैंड फोन की दुकानों का इस्तेमाल करता है। दो सप्ताह के अभियान के बाद पुलिस को लगभग दो हजार चोरी के फोन और दो लाख पाउंड नकद मिले थे। कई वर्षों तक पुलिस मानती रही कि ज्यादातर छोटे-मोटे चोर फोन चोरी करते हैं, जिन्हें पैसा कमाने की जल्दबाजी होती है। लेकिन, पिछले साल दिसंबर में उसे एक महिला से दिलचस्प सुराग मिला।
महिला ने ''फाइंड माई आइफोन'' का इस्तेमाल करके अपना डिवाइस हीथ्रो हवाई अड्डे के पास एक गोदाम में ट्रैक किया। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर जब पुलिस वहां पहुंची, तो उसे हांगकांग जाने वाले कुछ बक्से मिले। उन पर बैटरी का लेबल लगा था, लेकिन उनमें लगभग एक हजार चोरी किए गए आइफोन थे।
कई वर्षों तक पुलिस के लिए फोन चोरी कम प्राथमिकता वाली समस्या रही। लेकिन, अब जब इसने महामारी का रूप धारण कर लिया है, तो इसके पीछे अजीब कारण सामने आ रहे हैं। इसमें पिछले दशक में ब्रिटिश पुलिस बजट में भारी कटौती और चीन में यूरोपीय सेलफोन के लिए आकर्षक काला बाजार होना शामिल है।
(समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)
यह भी पढ़ें- वित्तीय योगदान में कटौती से भुखमरी की कगार पर पहुंच सकते हैं 1.4 करोड़ लोग, UN एजेंसी ने नई रिपोर्ट में दी चेतावनी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।