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    कदाचार की शिकायत के बाद लिज ट्रस ने व्यापार मंत्री को सरकार से किया बर्खास्त, प्रधानमंत्री की सीधी कार्रवाई

    ब्रिटेन के व्यापार मंत्री को प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने कदाचार के आरोप में शुक्रवार को पद से हटा दिया और कंजरवेटिव पार्टी से निलंबित कर दिया। सरकार ने कहा कि ट्रस ने गंभीर कदाचार की शिकायत के बाद कानर ब‌र्न्स को तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने के लिए कहा था।

    By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Sat, 08 Oct 2022 04:30 AM (IST)
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    पीएम ट्रस ने व्यापार मंत्री को बर्खास्त किया

    लंदन, एपी: ब्रिटेन के व्यापार मंत्री को प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने कदाचार के आरोप में शुक्रवार को पद से हटा दिया और कंजरवेटिव पार्टी से निलंबित कर दिया। सरकार ने कहा कि ट्रस ने 'गंभीर कदाचार की शिकायत' के बाद कानर ब‌र्न्स को 'तत्काल प्रभाव से' पद छोड़ने के लिए कहा था।

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    शिकायत के बाद प्रधानमंत्री की सीधी कार्रवाई

    प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि मंत्री के खिलाफ आरोप के बारे में सूचित किए जाने पर प्रधानमंत्री ने सीधी कार्रवाई की। इससे यह स्पष्ट है कि सभी मंत्रियों को व्यवहार के उच्च मानकों को बनाए रखना चाहिए जैसा कि जनता सही उम्मीद करती है। कंजरवेटिव व्हिप के कार्यालय ने कहा कि ब‌र्न्स को संसद में पार्टी के समूह से इस सप्ताह के शुरू में अनुचित व्यवहार के आरोपों की जांच के बाद निलंबित कर दिया गया था। वह सदन के सदस्य बने रहेंगे लेकिन निर्दलीय के तौर पर बैठेंगे।

    कंजरवेटिव्स के वार्षिक सम्मेलन में हुआ कदाचार

    ब्रिटिश मीडिया ने बताया कि कथित कदाचार मध्य इंग्लैंड के बर्मिंघम शहर में कंजरवेटिव्स के वार्षिक सम्मेलन में हुआ। ब‌र्न्स पूर्व प्रधान मंत्री बोरिस जानसन के लंबे समय से सहयोगी हैं, जिन्हें जुलाई में पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था।पचाय वर्षीय ब‌र्न्स ने जानसन की सरकार में उत्तरी आयरलैंड के मंत्री के रूप में कार्य किया और पिछले महीने जब ट्रस ने पदभार संभाला तो उन्हें व्यापार मंत्री बनाया गया था।

    चुनावी वादों को पूरी नहीं कर सकीं ट्रस

    लिज ट्रस की सरकार को विरोध के बीच अपने कदम को वापस लेना पड़ा है। कंजरवेटिव पार्टी में समर्थन जुटाने के लिए ट्रस ने महंगाई से जूझ रही देश की जनता को आयकर में कटौती का आश्वासन दिया था। जैसे ही उन्होंने इस घोषणा के अनुरूप आयकर की उच्चतम सीमा को नीचे किया, बाजार असंतुलित हो गया और सरकार की निंदा का दौर शुरू हो गया। दबाव में आई सरकार ने फैसले को वापस ले लिया है।