Liz Truss vs Rishi Sunak: PM बनने की राह में लिज ट्रस का रास्ता साफ, भारतीय मूल के ऋषि सुनक पर बनाई निर्णायक बढ़त
ब्रिटेन में पीएम बनने की रेस में 10 डाउनिंग स्ट्रीट की चाबी पाने के लिए लिज ट्रस और ऋषि सुनक के बीच टक्कर है। हालांकि इस दौड़ में ऋषि सुनक पिछड़े हुए हैं। लगभग सभी ओपिनियन पोल ट्रस के पक्ष में हैं।
लंदन, एजेंसी। ब्रिटेन में पीएम बनने की रेस में 10 डाउनिंग स्ट्रीट की चाबी पाने के लिए लिज ट्रस और ऋषि सुनक के बीच टक्कर है। हालांकि, इस दौड़ में ऋषि सुनक पिछड़े हुए हैं। लगभग सभी ओपिनियन पोल ट्रस के पक्ष में हैं। इन सर्वेक्षण के मुताबिक ट्रस कंजर्वेटिव पार्टी की नई नेता और ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बन सकती हैं। 2010 में पहली बार सांसद बनीं ट्रस को उनके विरोधी एक मौकापरस्त मान रहे हैं। उनके विरोधी लगातार ये सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर वह किस साइड हैं। गौरतलब है कि ट्रस कभी लिबरल डेमोक्रेट्स की सदस्य रही हैं। एक समय वह राजशाही को खत्म करने की मांग भी कर चुकी हैं।
1- ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद और सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में आगे चल रहीं मौजूदा विदेश मंत्री ट्रस अपने प्रतिद्वंदी और पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक पर 22 अंकों से निर्णायक बढ़त बना रखी है। ‘द आब्जर्वर’ अखबार द्वारा कजंर्वेटिव पार्टी के 570 सदस्यों को शामिल कर ‘ओपिनियन पोल’ कराया गया। इस पोल के मुताबिक 61 फीसद सदस्यों ने ट्रस का समर्थन किया है, जबकि 39 फीसद ने भारतीय मूल के सुनक को समर्थन देने की बात कही है। सर्वेक्षण में शामिल सदस्य पार्टी नेतृत्व के चुनाव में मतदान की अर्हता रखते हैं। पार्टी का नेतृत्व करने वाला ही पीएम पद पर आसीन होता है।
2- इस सर्वेक्षण के मुताबिक सुनक हाल के दिनों में इस अंतर को मामूली रूप से पाट सके हैं। ‘ओपिनियन’ के क्रिस कर्टिस ने बताया कि जिस समय अंतिम दो उम्मीदवारों के बारे में पता चला था, उसी समय यह साफ हो गया था कि सारे समीकरण ट्रस के पक्ष में हैं। हमारा नवीनतम ओपिनियन पोल केवल यह पता लगाने के लिए है कि पार्टी सदस्यों के बीच उनकी बढ़त कितनी है। कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के लिए डाक मतपत्र के जरिए मतदान कर निवर्तमान प्रधानमंत्री बोरिस जानसन का उत्तराधिकारी चुनने के लिए अंतिम तारीख 2 सितंबर तय की गई है। इसमें अब करीब तीन हफ्ते का समय बचा है।
3- ट्रस अगर ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनती हैं तो उनकी राह काफी कठिन होगी। वर्ष 2016 में ट्रस ने यूरोपीय यूनियन में बने रहने का समर्थन किया था। उस समय ट्रस ने ट्वीट कर कहा था कि वह उन लोगों का समर्थन कर रही हैं, जो ब्लाक में रहना चाहते हैं, क्योंकि ये ब्रिटेन के आर्थिक हित में हैं। वहीं, ट्रस अब ब्रेक्जिट का समर्थन करती हैं और कहती हैं कि जनमत संग्रह से पहले उन्हें डर था कि इससे दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पार्टी के अंदर भी ट्रस को लेकर आशंका है और अगर वह सत्ता में आती हैं तो पार्टी को एकजुट करना बड़ी चुनौती होगी।
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