Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अमृतसर के मशहूर गामा पहलवान की नातिन थीं कुलसुम नवाज

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Wed, 12 Sep 2018 09:17 AM (IST)

    कुलसुम (68) को लंदन के हार्ले स्ट्रीट क्लीनिक में जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। शरीफ और कुलसुम के चार बच्चे हसन, हुसैन, मरयम और आसमा हैं। ...और पढ़ें

    Hero Image
    अमृतसर के मशहूर गामा पहलवान की नातिन थीं कुलसुम नवाज

    लंदन, एजेंसी। पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ की दिवंगत पत्नी बेगम कुलसुम अमृतसर के मशहूर गामा पहलवान (गुलाम मुहम्मद बख्श) की नातिन थीं। कुलसुम का जन्म 1950 में कश्मीरी परिवार में हुआ था। उनकी पार्थिव देह लंदन से पाकिस्तान ले जाई जाएगी। उन्हें अपने मुल्क में दफनाया जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कुलसुम (68) को लंदन के हार्ले स्ट्रीट क्लीनिक में जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। शरीफ और कुलसुम के चार बच्चे हसन, हुसैन, मरयम और आसमा हैं। शरीफ के छोटे भाई और पीएमएल-एन के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने एक ट्वीट में कहा, 'मेरी भाभी अब इस दुनिया में नहीं रहीं।' कुलसुम के निधन पर पाक पीएम इमरान खान और सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा समेत कई नेताओं ने शोक जताया है।

    शरीफ, बेटी-दामाद को पैरोल
    कुलसुम के अंतिम संस्कार के लिए नवाज शरीफ, बेटी मरयम और दामाद मुहम्मद सफदर पैरोल पर जेल से बाहर आएंगे। तीनों भ्रष्टाचार के एक मामले में इस समय पाकिस्तान की जेल में सजा काट रहे हैं।

    उपचुनाव में जीती थीं
    पिछले साल जुलाई में पनामा पेपर मामले में पाक सुप्रीम कोर्ट द्वारा शरीफ को संवैधानिक पद के अयोग्य करार दिए जाने के बाद उनकी सीट पर हुए उपचुनाव में कुलसुम ने जीत दर्ज की थी। चुनाव के दौरान वह लंदन में ही थीं। उनके प्रचार की कमान बेटी मरयम ने संभाल रखी थी। चुनाव जीतने के बावजूद बीमारी के कारण वह स्वदेश नहीं लौट पाई थीं। इसके चलते वह नेशनल असेंबली के सदस्य के तौर पर शपथ भी नहीं ले पाई थीं।

    कौन थे गामा पहलवान
    अमृतसर में 1878 में जन्मे दिग्गज गामा पहलवान का पूरा नाम गुलाम मुहम्मद बख्श था। उन्होंने अपने पांच दशक लंबे करियर में कभी हार का मुंह नहीं देखा। बंटवारे के बाद वह पाकिस्तान चले गए थे। उन्हें 1910 में व‌र्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप से नवाजा गया था। उनकी गिनती उस दौर के महान पहलवानों में होती थी। 1960 में लाहौर में उनका निधन हो गया था।