King Charles तृतीय का आज होगा राज्याभिषेक, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने की मुलाकात
King Charles III Coronation किंग चार्ल्स की ताजपोशी से पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ब्रिटेन पहुंचकर उनसे आज बातचीत की। समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भारत का और जो बाइडन की पत्नी जिल बाइडन अमेरिका का प्रतिनिधित्व करेंगी।

लंदन, प्रेट्र। King Charles III Coronation ब्रिटेन में किंग चार्ल्स की शनिवार को ताजपोशी होगी। इसे लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आयोजन के दौरान 11 हजार सुरक्षा बल चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखेंगे। समारोह में देश विदेश से दो हजार के करीब गणमान्य शामिल होंगे। इसमें भारत की ओर से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जबकि अमेरिका की ओर से राष्ट्रपति जो बाइडन की पत्नी जिल बाइडन शामिल होंगी।
किंग चार्ल्स तृतीय से धनखड़ ने की बातचीत
इधर, उपराष्ट्रपति धनखड़ शुक्रवार को यहां पहुंचने के तुरंत बाद एक स्वागत समारोह में किंग चार्ल्स तृतीय के साथ बातचीत की। धनखड़, अपनी पत्नी डा सुदेश धनखड़ के साथ ब्रिटेन के नए सम्राट की ऐतिहासिक ताजपोशी के लिए आमंत्रित किए गए दुनिया भर के अनुमानित 100 राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों में शामिल होंगे।
ब्रिटेन में 70 वर्ष बाद होगा भव्य आयोजन
ब्रिटेन में इतना बड़ा आयोजन करीब 70 वर्ष बाद किया जा रहा है। इससे पहले 1953 में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के राज्याभिषेक के दौरान ऐसा भव्य आयोजन किया गया था। किंग चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला डाइमंड जुबली स्टेट कोच से बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर जाएंगे। इस कोच का निर्माण 2012 में किया गया था।
चार लाख लोगों को मिलेगा धन्यवाद मेडल
किंग चार्ल्स की ताजपोशी के कार्य में शामिल करीब चार लाख लोगों को धन्यवाद मेडल भी दिया जाएगा। इसमें ब्रिटिश सैन्य अधिकारी, आपात सेवा से जुड़े फ्रंटलाइनर, पुलिस अधिकारी आदि शामिल होंगे। ब्रिटेन की गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन ने कहा कि यह मेडल किंग चार्ल्स की ऐतिहासिक ताजपोशी समारोह का हिस्सा बनने वाले आपात सेवा कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका की निशानी है। बिना इनकी मदद के यह संभव नहीं था।
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक बाइबिल के अंश पढ़ेंगे
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक परंपरा के अनुसार वेस्ट¨मस्टर अबे में किंग चार्ल्स तृतीय की ताजपोशी के दौरान बाइबिल के कुछ अंश पढ़ेंगे। आर्चबिशप आफ कैंटरबरी के कार्यालय ने यह जानकारी दी है। सुनक ब्रिटेन के भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री हैं और हिंदू धर्म मानते हैं।
ऐसे में ईसाई समारोह में ईसाई धर्म से जुड़ी पुस्तक के अंश पढ़ना बहु-आस्था को प्रदर्शित करेगा। कैंटरबरी के आर्चबिशप के कार्यालय की ओर से कहा गया कि अन्य आस्था से जुड़े सदस्य पहली बार सामूहिक प्रार्थना में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
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