भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते से बढ़ेगा निर्यात और निवेश बढ़ेगा, भारतीयों को मिलेंगे ये फायदे
भारत और ब्रिटेन के बीच हालिया मुक्त व्यापार समझौता (सीईटीए) भारत के निर्यात को बढ़ावा देने और ब्रिटेन से निवेश आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह समझौता वस्त्र, ऑटोमोटिव, फुटवियर और फार्मास्यूटिकल्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों में 99% भारतीय निर्यात के लिए शुल्क-मुक्त बाजार पहुंच प्रदान करेगा।

भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते से बढ़ेगा निर्यात और निवेश बढ़ेगा (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और ब्रिटेन के बीच हाल ही में हुआ मुक्त व्यापार समझौता (सीईटीए) देश के निर्यात को बढ़ाने और ब्रिटेन से निवेश आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
दोनों देशों के बीच यह समझौता 24 जुलाई को हुआ था और इसके अगले वर्ष लागू होने की संभावना है। डेलाइट इंडिया के पार्टनर गुलजार डिडवानिया का कहना है कि सीईटीए के माध्यम से भारत को निर्यात में वृद्धि, निवेश आकर्षण करने के साथ वस्त्र, आटोमोटिव उपकरण, फुटवियर और फार्मास्यूटिकल्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों में लगभग 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात के लिए शुल्क-मुक्त बाजार पहुंच प्राप्त होगी।
ब्रिटेन के बाजार में खुलेंगे नए द्वार
इस समझौते की एक महत्वपूर्ण विशेषता सेवा क्षेत्र में अवसरों का विस्तार है, जिससे भारतीय आईटी, वित्त, स्वास्थ्य देखभाल और पेशेवर सेवाप्रदाताओं के लिए ब्रिटेन के बाजार में नए द्वार खुलेंगे। यह समझौता कुशल पेशेवरों की आवाजाही को सुगम बनाएगा, योग्यताओं की आपसी मान्यता को बढ़ावा देगा और शिक्षा, नवाचार तथा अनुसंधान में सहयोग को मजबूत करेगा।
भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (फियो) के प्रेसिडेंट एससी रल्हन का कहना है कि यह समझौता 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 120 अरब डालर तक पहुंचाने में मदद करेगा। भारत-ब्रिटेन एफटीए प्रमुख क्षेत्रों विशेषकर एमएसएमई और श्रम-आधारित उद्योगों के लिए अभूतपूर्व अवसर प्रदान करता है।
क्या होगा फायदा?
यह न केवल शुल्कों को कम करता है, बल्कि सेवाओं और निवेशों के लिए नियामक बाधाओं को भी सरल बनाता है। यह समझौता भारत के मैन्यूफैक्च¨रग और सेवा निर्यात को बढ़ावा देने के साथ-साथ ब्रिटेन से निवेश को आकर्षित करेगा।
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