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    UN में गूंजा कश्मीर का मुद्दा, 'अनुचित और आदतन' मु्द्दे पर पाकिस्तान को फटकार; भारत ने ऐसे दिया जवाब

    By Jagran NewsEdited By: Paras Pandey
    Updated: Wed, 22 Nov 2023 04:37 AM (IST)

    संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक के दौरान पाकिस्तान द्वारा कश्मीर के अनुचित और आदतन संदर्भ को भारत ने खारिज कर दिया है।भारत की ओर से यह प्रतिक्रिया सुरक्षा परिषद में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने। सामान्य विकास के जरिये स्थायी शांति को बढ़ावा देना विषय पर खुली बहस में आई। पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र में दूत मुनीर अकरम ने अपनी टिप्पणी में कश्मीर का संदर्भ दिया था

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    पाकिस्तान की ओर से यूएन में कश्मीर के संदर्भ को भारत ने किया खारिज

    एजेंसी, संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक के दौरान पाकिस्तान द्वारा कश्मीर के 'अनुचित और आदतन' संदर्भ को भारत ने खारिज कर दिया है।भारत की ओर से यह प्रतिक्रिया सुरक्षा परिषद में 'अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने। सामान्य विकास के जरिये स्थायी शांति को बढ़ावा देना' विषय पर खुली बहस में आई। पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र में दूत मुनीर अकरम ने अपनी टिप्पणी में कश्मीर का संदर्भ दिया था जिसके बाद चीन की अध्यक्षता में बहस का आयोजन हुआ।

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    संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में दूत आर.मधुसूदन ने सोमवार को कहा, 'मेरे देश के विरुद्ध एक स्थायी प्रतिनिधि द्वारा पहले की गई अनुचित और आदतन टिप्पणियों को खारिज करने में मुझे कुछ सेकेंड से ज्यादा समय नहीं लगेगा और मैं यहां जवाब देकर उन्हें सम्मानित नहीं करूंगा। संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न मंचों पर पाकिस्तान लगातार जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है, भले ही बैठकों में चर्चा का एजेंडा और विषय कोई भी हो, लेकिन वह किसी का भी ध्यानाकर्षण हासिल करने में विफल रहता है।

    भारत ने चीन पर साधा निशाना खुली बहस के दौरान चीन पर परोक्ष हमला करते हुए मधुसूदन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पारदर्शी एवं न्यायसंगत वित्तपोषण पर काम करना चाहिए और अस्थिर वित्तपोषण के खतरों के प्रति सतर्क रहना चाहिए जो ऋण जाल के दुष्चक्र में फंसा देता है।

    उन्होंने कहा, अगर संसाधनों की कमी बनी रही तो शांति भ्रम है और विकास एक न पूरे होने वाला सपना है। इसलिए भारत ने अपनी वर्तमान जी-20 अध्यक्षता समेत विभिन्न मंचों पर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के सुधार की दिशा में काम किया है।