Geetanjali Shree: गीतांजलि श्री के उपन्यास 'टूंब आफ सैंड' ने जीता अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार
गीतांजलि श्री के उपन्यास टाम्ब आफ सैंड ने अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज जीता। प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली किसी भी भारतीय भाषा की यह पहली पुस्तक बन गई है। गीतांजलि श्री की पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद डेजी राकवेल ने किया है।
लंदन, एएनआइ। लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास 'टूंब आफ सैंड' को अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज मिला है। प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली किसी भी भारतीय भाषा की यह पहली पुस्तक बन गई है। गीतांजलि श्री की पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद डेजी राकवेल ने किया है। उनका उपान्यास टूंब आफ सैंड, भारत के विभाजन से जुड़ी पारिवारिक गाथा है, जो अपने पति की मृत्यु के बाद एक 80 साल की महिला का अनुकरण करती हैं। बता दें कि 50,000 पाउंड के पुरस्कार के लिए चुने जाने वाली पहली हिंदी भाषा की किताब है।
पुरस्कार मिलने से अभीभूत हूं: गीतांजलि श्री
गुरुवार को लंदन में आयोजित समारोह में लेखिका श्री ने यह सम्मान अपनाते हुए कहा कि मैं यह सम्मान पाकर पूरी तरह से अभिभूत हूं। उन्होंने कहा, 'मैनें कभी बुकर पुरस्कार पाने का सपना नही देखा था। उन्होंने आगे कहा कि यह सम्मालन मिलना मेरे लिए गर्व की बात है। गीतांजली श्री ने कहा कि मेरे और इस किताब के पीछे हिंदी और अन्य दक्षिण एशियाई भाषाओं के कुछ बेहतरीन लेखकों को जानने के लिए विश्व साहित्य अधिक समृद्ध होगा।
'Tomb of Sand' by Geetanjali Shree wins 2022 International Booker Prize
(Image source: The Booker Prizes' Twitter handle) pic.twitter.com/Qt9TAHWTsT— ANI (@ANI) May 26, 2022
निर्णायक पैनल के अध्यक्ष फ्रैंक वायने ने कहा कि इस किताब की शक्ति, मार्मिकता और चंचलता से वो प्रभावित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह भारत और विभाजन का एक चमकदार उपन्यास है, जिसकी मंत्रमुग्धता, करुणा युवा उम्र, पुरुष और महिला, परिवार और राष्ट्र को कई आयाम में ले जाती है।अमेरिका के वरमोंट में रहने वाली एक चित्रकार, लेखिका और अनुवादक राकवेल उनके साथ मंच पर उपस्थित थीं।
मूल रूप से 2018 में हिंदी में प्रकाशित, 'टूंब आफ सैंड' अगस्त 2021 में टिल्टेड एक्सिस प्रेस (Tilted Axis Press) द्वारा ब्रिटेन में अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाली उनकी पहली पुस्तक है।
श्री के उपन्यास को छह पुस्तकों की एक शार्टलिस्ट से चुना गया था।
जानिए कौन हैं गीतांजलि श्री
गीतांजलि श्री उत्तर-प्रदेश के मैनपुरी में जन्मी हैं। श्री एक जानी-मानी उपान्यासकार हैं। गीतांजलि श्री का पहला उपान्यास 'माइ' था। इसके बाद इनका उपान्यास 'हमारा शहर उस बरस' नब्बे के दशक में आया था।
View attached media content - Prasar Bharati News Services (@pbns_india) 27 May 2022