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    ब्रिटेन ने चीन पर लगाया ये आरोप, कहा- अंतरराष्‍ट्रीय सुरक्षा के नियमों से खिलवाड़ कर रहा है ड्रैगन

    By Jagran NewsEdited By: Ramesh Mishra
    Updated: Wed, 12 Oct 2022 06:10 PM (IST)

    ब्रिटेन ने चीन पर अंतरराष्‍ट्रीय सुरक्षा नियमों में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। ब्रिटेन की साइबर-खुफिया एजेंसी के मुखिया जेरेमी फ्लेमिंग ने कहा कि बीजिंग अपने क्षेत्र में दमन और अन्य देशों में प्रभाव बढ़ाने के लिए अपने आर्थिक व प्रौद्योगिकी दबदबे का इस्तेमाल कर रहा है।

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    ब्रिटेन ने चीन पर लगाया ये आरोप, कहा- अंतरराष्‍ट्रीय सुरक्षा के नियमों से खेलवाड़ कर रहा है ड्रैगन। एजेंसी।

    लंदन, एजेंसी। ब्रिटेन ने चीन पर अंतरराष्‍ट्रीय सुरक्षा नियमों में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। ब्रिटेन की साइबर-खुफिया एजेंसी के मुखिया जेरेमी फ्लेमिंग ने कहा कि बीजिंग अपने क्षेत्र में दमन और अन्य देशों में प्रभाव बढ़ाने के लिए अपने आर्थिक व प्रौद्योगिकी दबदबे का इस्तेमाल कर रहा है।

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    ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी (जीसीएचक्यू) के निदेशक फ्लेमिंग ने चीन पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्‍होंने कहा कि चीन अंतरराष्‍ट्रीय सुरक्षा के नियमों को बदलने की कोशिश कर रहा है। जीसीएचक्यू ब्रिटेन का सरकारी संचार कार्यालय माना जाता है। पिछले कुछ समय से चीन और ब्रिटेन के बीच तनाव काफी बढ़ता जा रहा है।

    थिंक टैंक रायल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट में दिए एक भाषण में फ्लेमिंग ने आरोप लगाया कि चीन के कम्युनिस्ट अधिकारी दुनिया के प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को आकार देकर रणनीतिक लाभ हासिल करना चाहते हैं। उन्‍होंने कहा कि जब प्रौद्योगिकी की बात आती है तो चीन की राजनीति से प्रेरित कार्रवाई एक तेजी से बढ़ती समस्या है, जिसे हमें स्वीकार करके उससे निपटने की कोशिश करनी चाहिए। फ्लेमिंग ने दावा किया कि चीन की वन पार्टी नीति उसकी आबादी को नियंत्रित करने का एक प्रयास है। चीन अन्य देशों को संभावित विरोधियों या ऐसे देशों के रूप में देखता है, जिनका फायदा उठाया जा सकता है।

    फ्लेमिंग के भाषण से पहले चीन में एक अधिकारी ने कहा था कि चीन के प्रौद्योगिक विकास का मकसद चीन के लोगों के जीवन में सुधार लाना है और इससे किसी को कोई खतरा नहीं है। फ्लेमिंग ने कहा कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि चीन अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की परिभाषा को एक व्यापक अवधारणा में तब्दील कर रहा है। प्रौद्योगिकी न केवल अवसर, प्रतिस्पर्धा व सहयोग का एक क्षेत्र बन गई है, बल्कि यह नियंत्रण, सिद्धांतों व प्रतिष्ठा के लिए एक युद्ध का मैदान भी बन गई है।