चीन में जबरन अंग निकाले जाने को लेकर विरोध, पांच लाख लोगों ने G-7 और भारत से की ये अपील
दुनिया भर में पांच लाख से अधिक लोगों ने जी7 और भारत से चीन में जबरन अंग निकालने के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है। डाक्टर्स अगेंस्ट फोर्स्ड आर्गन हार्व ...और पढ़ें

चीन में जबरन अंग निकाले जाने को लेकर विरोध
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया भर में पांच लाख से अधिक लोगों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें जी7 और भारत सहित अन्य देशों से प्रिजनर आफ कंसाइंस (बंदियों) के चीन सरकार की ओर से जबरन अंग निकालने को लेकर कार्रवाई की अपील की गई है।
डाक्टर्स अगेंस्ट फोर्स्ड आर्गन हार्वेस्टिंग (डीएएफओएच) और इंटरनेशनल कोएलिशन टू एंड ट्रांसप्लांट एब्यूज इन चाइना द्वारा जुलाई 2024 में यह अभियान शुरू किया गया था। द एपोच टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 दिसंबर तक 34 देशों में 505,970 हस्ताक्षर प्राप्त हो चुके हैं।
इस पहल का उद्देश्य जी7 देशों, जिसमें अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन शामिल हैं और अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, भारत, इजरायल, मेक्सिको, दक्षिण कोरिया, ताइवान की सरकारों को चीनी शासन के जबरन अंग निकासी अपराधों के खिलाफ खड़ा करना है।
ये उल्लंघन मुख्य रूप से उन कैदियों को प्रभावित करते हैं, जिनमें फालुन गोंग के अनुयायी, उइगर और अन्य जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक शामिल हैं। प्रिजनर आफ कंसाइंस एक ऐसा व्यक्ति होता है, जिसे उसकी शांतिपूर्ण राजनीतिक, धार्मिक या अन्य विचारों के लिए कैद किया जाता है।
साथ ही उसने हिंसा का उपयोग या वकालत नहीं की हो। डीएएफओएच ने कहा कि याचिका अभियान जारी रहेगा और आयोजकों का लक्ष्य जून 2026 तक 10 लाख हस्ताक्षर प्राप्त करना है।
(न्यूज एजेंसी ANI के इनपुट के साथ)

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